कोरोना वायरस के कारण पैदा हुए लॉकडाउन से दुनिया घरों में रहने को मजबूर है. इस बीच आज अंतरराष्ट्रीय डांस दिवस मनाया जा रहा है. इस दिवस को मनाने की शुरुआत 1982 में हुई थी. इसका उद्देश्य डांस की विभिन्न विधियों को बढ़ावा देना है.


आज है अंतरराष्ट्रीय डांस दिवस


डांस डे पर आज के दिन दुनिया भर में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. यूनेस्को की सहयोगी रंगमंच संस्था अंतरराष्ट्रीय डांस कमेटी ने इसे बड़े पैमाने पर मनाने का सुझाव दिया था. उसके सुझाव पर अमल करते हुए इसे जश्न के तौर पर मनाया जाने लगा. इसका मकसद डांस की सभी विधाओं का प्रचार प्रसार, लोगों को जागरुक करना, सरकार और राजनेताओं को डांस से जुड़े समुदाय के बारे में बताना है. आज के दिन सेलिब्रेटी अपने डांस के वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं.


इस बार वर्चुअली आयोजन


हर साल अंतरराष्ट्रीय डांस डे के मौके पर कार्यक्रमों का आयोजन होता है मगर इस बार ऐसा नहीं हो रहा है. इसके पीछे दुनिया में कोरोना वायरस से फैली महामारी है. दुनिया में महामारी के बीच अंतरराष्ट्रीय डांस दिवस पर कार्यक्रम वर्चुअली होंगे. डांस के बारे में कहा जाता है कि ये पृथ्वी और आकाश से संवाद करता है. हमारी खुशी की अभिव्यक्ति को प्रदर्शित करने का काम करता है. जब बहुत ज्यादा हम खुश होते हैं तो स्वाभाविक रूप से झूम उठते हैं. भाव-भंगिमाओं की छवियां भले लाखों रूप ले लें मगर डांस की जगह नहीं ले सकती. डांस शरीर के दर्द को दूर कर राहत पहुंचाने का काम करता है.


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