कोविड-19 पीड़ितों को बीमारी से ठीक होने के बाद कई हफ्तों या महीनों तक विभिन्न लक्षणों का सामना होता है. बीमारी के कई हफ्तों या महीनों बाद भी लक्षणों का अनुभव करनेवाले लोगों के लिए लॉंग कोविड की परिभाषा गढ़ी गई है. इसको ज्यादा से ज्यादा जानने के लिए विशेषज्ञ रिसर्च करने में जुटे हैं और अब खुलासा हुआ है कि लॉंग कोविड के मरीजों में किडनी के काम स्पष्ट तौर पर प्रभावित होते हैं.


कोविड-19 न सिर्फ लंग्स को प्रभावित करती है बल्कि किडनी पर भी असर डालती है. डॉक्टरों ने पाया है कि कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित मरीजों ने अक्सर किडनी की समस्या की शिकायत की है. अब एक बड़े पैमाने पर रिसर्च से पता चलता है कि किडनी की समस्याएं मरीजों के शुरुआती संक्रमण से ठीक होने के बाद छह महीनों तक रह सकती हैं और कुछ मरीजों में तो किडनी के काम की आजीवन कमी हो सकती है.


कोविड को मात देने के बाद किडनी रोग का खतरा


बुधवार को Journal of the American Society of Nephrology में प्रकाशित रिसर्च में पाया गया कि शुरू में कोविड के बीमार मरीजों को लंबे समय तक किडनी क्षति होने की अधिक संभावना थी. लेकिन, शुरुआती संक्रमण की कम गंभीरता वाले लोग भी संवेदनशील हो सकते हैं. रिसर्च में शामिल नहीं रहे किडनी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एफ पेरी विल्सन  कहते हैं, "मेरे लिए विशेष रूप से चौंकानेवाला था कि ये बरकरार रहे."


शरीर में किडनी का महत्वपूर्ण काम है, ये ब्लड से तरल और टॉक्सिन्स को बाहर कर हेल्दी ब्लड प्रेशर बनाने और इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित रखने में मदद करता है. जब किडनी सही या प्रभावी तरीके से काम नहीं करता है, तो तरल जम जाता है, जिससे सूजन, हाई ब्लड प्रेशर, कमजोर हड्डियां और अन्य समस्याएं होती हैं.


किडनी रोग लॉंग कोविड का एक महत्वपूर्ण पहलू


दिल, लंग्स, सेंट्रल नर्वस सिस्टम और इम्यून सिस्टम बिगड़ सकता है. किडनी की बीमारी के अंतिम चरण में डायलिसिस या अंग प्रत्यारोपण जरूरी हो सकता है. ये स्थिति खतरनाक हो सकती है. रिसर्च में 1 मार्च, 2020 और 15 मार्च, 2021 के बीच कोरोना पॉजिटिव 89,216 लोगों के डेटा को शामिल किया गया. शोधकर्ताओं का कहना है कि संक्रमण के 1 से छह महीनों के अंदर कोविड से ठीक होनेवालों को करीब 35 फीसद अधिक किडनी क्षति की संभावना थी या सेहतमंद लोगों के मुकाबले स्पष्ट रूप से किडनी के काम में कमी आई. वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ स्कूल में मेडिसीन के असिस्टेंट प्रोफेसर और किडनी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जियाद अल अलाई ने कहा, "कोविड-19 के शुरुआती 30 दिनों बाद ठीक होनेवाले लोगों को किडनी की बीमारी होने का जोखिम है." शोधकर्ताओं का कहना है कि कोविड से सुरक्षित लोगों के मुकाबले मामूली गंभीरता का सामना करनेवाले लोगों में किडनी रोग का जोखिम 15 फीसद जबकि किडनी चोट का जोखिम 30 फीसद ज्यादा बढ़ जाता है. किडनी रोग लॉंग कोविड का एक महत्वपूर्ण पहलू है और लॉंग कोविड-19 से पीड़ित लोगों की देखभाल करते वक्त ध्यान में रखा जाना चाहिए.


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