अप्रैल फूल हर साल 1 अप्रैल को मनाया जाता है. हर साल यह दिन हंसी ठहाकों के साथ बीतता है. अप्रैल फूल भारत में ही नहीं बल्कि कई देशों में मनाया जाता है. पूरे साल में यह एक दिन खास होता है, जिस दिन दोस्तों, रिश्तेदारों, घर के लोगों के साथ हंसी मजाक किया जाता है. इस दिन का खास मकसद लोगों को हंसाना उनके साथ मजाक करना होता है. आईए जानते हैं इसकी इतिहास के बारे में.


अप्रैल फूल का इतिहास


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अप्रैल फूल का इतिहास काफी पुराना है. 1582 में फ्रांस ने जूलियन कैलेंडर को छोड़ ग्रेगोरियन कैलेंडर अपनाया था.  पहले जूलियन कैलेंडर के हिसाब से 1 अप्रैल को नया साल मनाया जाता था. लेकिन नए कैलेंडर आने के बाद नया साल 1 जनवरी को मनाना शुरू कर दिया. लेकिन कुछ लोग अभी भी ऐसे थे जो नया साल 1 अप्रैल को मानते थे. उन लोगों को फूल यानी बेवकूफ बोला जाता था और उनका मजाक उड़ाया जाता था.


तभी से 1 अप्रैल को अप्रैल फूल कहा जाने लगा और इस दिन से बेवकूफ बनाने का काम शुरू हो गया. हालांकि अप्रैल फूल की उत्पत्ति निश्चित नहीं है इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं. भारत में अप्रैल फूल की शुरुआत 19वीं शताब्दी से हुई थी जब अंग्रेजों का राज हुआ करता था. अंग्रेज तब अपना कल्चर अपनाते थे, उन्हीं में से एक अप्रैल फूल डे भी मनाया जाता था. बेल्जियम और फ्रांस में इसे अलग तरीके से मनाया जाता है. इस दिन लोग कागज से बनी मछली चिपकाते हैं. फ्रांस में अप्रैल फूल "पोइसन डी'अव्रिल" नामक एक फ्रांसीसी परंपरा से जुड़ा हुआ है.


ऐसे करें मजाक


लोग 1 अप्रैल को एक-दूसरे को मूर्ख बनाने के लिए मजाक करते हैं, और यह एक मजेदार और हंसी-मजाक का दिन होता है. आइए जानते हैं दोस्तों और रिश्तेदारों को मुर्ख बनाने के तरीके क्या हैं.


अप्रैल फूल बनाने के लिए आप किसी के जूते को छुपा सकते हैं और फिर जब वह ढूंढे तो आप उनके मजे ले सकते हैं.

आप किसी से अनजान बनकर फोन पर बात कर उन्हें मूर्ख बना सकते हैं.

आप किसी को फेक न्यूज़ बना कर भी भेज सकते हैं.

आप केक बनाने के लिए टूथपेस्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं, और इस केक को अपने किसी खास इंसान को दे सकते हैं.

ऐसे ही कुछ मस्ती मजाक कर आप दोस्तों परिवार वालों को हसा सकते हैं और उन्हें अप्रैल फूल बना सकते हैं.


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