शोधकर्ताओं ने महिलाओं के प्रिगनेन्सी से पहले पति की सेहत और मिसकैरेज के बीच संबंध का पता लगाया है. रिसर्च में बताया गया है प्रिगनेन्सी से पहले सिर्फ महिला ही नहीं बल्कि उसके पति की सेहत का भी महत्व है. अमेरिका में शोधकर्ताओं ने 2009-2016 के लगभग 10 लाख प्रिगनेन्ट महिलाओं के डेटाबेस का विश्लेषण और मेडिकल रिकॉर्ड से उनके पतियों की सेहत की जांच-पड़ताल कर खुलासा किया.


प्रेग्नेंसी से पहले पति की सेहत भी बहुत जरूरी


उन्होंने बताया कि रिसर्च के दौरान ये बात सामने आई कि मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या कोलेस्ट्रोल से पीड़ित पुरुषों की पत्नियों में मिसकैरेज का खतरा सेहतमंद पुरुषों की पत्नियों के मुकाबले 27 फीसद ज्यादा होता है. उन्होंने कहा कि आम तौर पर प्रिगनेन्सी से पहले सिर्फ महिलाओं पर ध्यान देने का चलन है मगर ये पहली बार है जिससे पिता की सेहत और मिसकैरेज के बीच संबंध का पता चलता है.


शोधकर्ताओं ने पुरुषों की बीमारियों के साथ-साथ गर्भ पर असर डालने वाले अन्य कारणों जैसे मां की उम्र, सेहत, वजन और पति या पत्नी में से किसी को धूम्रपान की आदत को ध्यान में रखा. परीक्षण में शामिल 4.6 फीसदी पुरुषों की उम्र 45 साल से ज्यादा थी और उनमें से 23.1 फीसदी पुरुष पत्नियों की प्रेगनेन्सी से पहले मेटाबोलिक सिंड्रोम का शिकार थे. परीक्षण के दौरान 1 लाख 72 हजार 999 महिलाओं को मिसकैरेज या जन्म के दर्दनाक हादसे से गुजरना पड़ा.


मिसकैरेज का 27 फीसद बढ़ जाता है खतरा- रिसर्च


शोधकर्ताओं ने नतीजा निकाला कि पिता में मेटाबोलिक सिंड्रोम के जितने ज्यादा लक्षण होंगे, मिसकैरेज का खतरा उतना ही ज्यादा बढ़ जाएगा. रिसर्च से ये भी पता चला कि मिसकैरेज का खतरा मां की उम्र में वृद्धि और विभिन्न बीमारियों का शिकार होने की सूरत में भी बढ़ता है और इस दौरान भी पिता की सेहत और मिसकैरेज के बीच संबंध बरकरार रहता है. रिसर्च के नतीजे ह्यूमन रि-प्रोडक्शन नामी पत्रिका में सामने आए हैं.


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