ताहिरा और आयुष्मान एक पति-पत्नी ही नहीं बल्कि एक दूसरे के बेहद अच्छे दोस्त भी हैं. कम उम्र में शादी करने के बाद भी उनके बीच आज भी बेस्टफ्रेंड का रिश्ता बरकरार है. कपल अगर एक-दूसरे के बेस्टफ्रेंड बन जाएं, तो रिश्ते की आधे से ज्यादा परेशानियां तो यूं ही खत्म हो जाएंगीं. क्योंकि बेस्ट फ्रेंड बनने का मतलब होता है, एक-दूसरे को समझना, हमेशा विश्वास बनाए रखना, केयर करना, खट्टी-मीठी यादें बनाना और सबसे बड़ी बात एक-दूसरे से दिल की बातें कह पाना. पति-पत्नी के बीच अगर ऐसा रिश्ता हो तो रिश्तों में कभी भी खटास नहीं सकती है. 


प्यार का इजहार करना 
कुछ साल बाद काम, घर और ऑफिस के वजह से रोमांस कम हो जाता है. यही वजह है कि कपल्स को कभी-कभी शादी ऐसी लगने लगती है कि एक रिश्ते में बंधे हैं, जो बस चल रहा है. साथी के लिए मन में आने वाली सॉफ्ट फीलिंग्स को खुलकर एक्सप्रेस करें. अक्सर देखा जाता है कि आयुष्मान एक स्टार होने के बाद भी वह सोशल मीडिया से लेकर अपने इंटरव्यूज में अपनी पत्नी के लिए प्यार जाहिर जरूर करते हैं.


स्ट्रॉन्ग कम्यूनिकेशन
आयुष्मान-ताहिरा के रिश्ते का सबसे स्ट्रॉन्ग पॉइंट उनका कम्यूनिकेशन है. ये दोनों अपने विचारों को खुलकर शेयर करते हैं, जिससे उन्हें रिलेशनशिप से जुड़े इशूज सुलझाने में मदद मिलती है. एक अच्छे रिश्ते के लिए पहला शर्त होता है एक हेल्दी कम्यूनिकेशन होना. जिससे सारी शिकायतें और एक दूसरे के प्रति जो भी नेगेटिविटी है वह खत्म हो जाती है. 


विश्वास कायम रखना
किसी भी रिश्‍ते की नींव विश्‍वास से मजबूत होती है और अगर आपके बीच में ईमानदारी, विश्‍वास कायम है, तो आप एक बेहतर रिश्‍ते में हैं. यानी जब आप एक दूसरे से कोई बात छुपा कर नहीं रखते. एक दूसरे को धोखा नहीं देते यानी एक दूसरे के साथ खुद को सुरक्षित और सहज महसूस करते हैं.


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