नजला, जुकाम, सिर दर्द के लिए बाम हर घर की जरूरत बन गया है. बाम लगाने से शरीर को ठंडक और सकून मिलता है. आम तौर पर देखा गया है कि महिलाएं बाम का ज्यादा इस्तेमाल करती हैं. नाक पर लगाने से नजला-जुकाम या बंद नाक खोलने में फायदेमंद होता है. इसके अलावा भी बैक्टीरिया के हमले से बचाने के काम आता है.
बाम शरीर को देता है आराम
थोड़ा बाम अपनी नाक और बच्चों की नाक पर लगाएं. इसके जरिए आपके शरीर के कीटाणु भाग जाएंगे और आप सुरक्षित भी हो जाएंगे. बाम में एंटी बैक्टीरियल और एंटी बॉयोटिक्स के गुण परेशानी को दूर करते हैं. ये जब हमारी नाक में दाखिल होता है तो अंदर जाकर सांस की नली और नथुनों को साफ कर खोलता है. और इसी दौरान अगर कोई बैक्टीरिया नाक या मुंह में मौजूद होता है तो ये उसे मारने का काम करता है. इसके अलावा उसे बलगम, थूक, शौच से निकालने में मददगार साबित होता है.
2010 में सांस के संक्रमण पर 138 बच्चों को शामिल कर शोध किया गया था. अभिभावकों ने बताया कि बाम ने रात के लक्षणों को आसान किया. जिससे उनके बच्चे रात को बेहतर नींद ले सके. हालांकि इसके इस्तेमाल के वक्त सावधानी भी जरूरी होती है. निर्माताओं की सलाह है कि फायदा हासिल करने के लिए चंद बातों का ख्याल रखा जाना चाहिए.
इस्तेमाल से पहले जानें सावधानी
- नजला-जुकाम के लक्षणों में बाम को छाती या गर्दन पर इस्तेमाल करें.
- सीधे खड़े या बैठकर गर्म, सूखा कपड़ा सिर पर ढंके.
- नाक के हिस्से तक असर के लिए छाती या गले के पास कपड़ों को ढीला करें.
- चौबीस घंटे में जरूरत के वक्त तीन बार बाम का इस्तेमाल करें.
- डॉक्टरों के मुताबिक दो साल से छोटे बच्चों पर बाम कभी न लगाएं.
- बाम कॉर्निया को नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए उसे आंखों से दूर रखें.
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