अखबार में खाना लपेटकर आप भी खाते हैं तो हो जाएं सावधान, यह देता है कई बीमारियों को न्योता
अधिकांश लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती कि अखबार में खाना लपेटकर खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है. आइए जानते हैं इसके बारे में ...
Side Effects Of Eating Wrapped Food In Newspaper: अक्सर हम देखते हैं कि लोग सड़क किनारे, ट्रेनों और बसों में बैठकर अपना खाना अखबार में लपेटकर खा रहे होते हैं.या फिर बाहर का स्ट्रीट फूड जैसे चना मसाला, भेलपूरी आदि अखबार पर रखकर मिलता है लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि यह आसानी आपकी सेहत पर कितना भारी पड़ सकती है? अखबार के कागज में ऐसे कई हानिकारक रसायन और स्याही होते हैं, जो खाने के साथ मिलकर आपके शरीर के अंदर जाते हैं और हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं. आइए जानते हैं कि अखबार पर खाना रखकर खाने से कौन-कौन सी बीमारियां होती हैं..
कैंसर हो सकता है
अखबार की स्याही में कई खतरनाक केमिकल पदार्थ मिले होते हैं जैसे-आइसोब्यूटाइल फैटेलेट, डाइएन आइसोब्यूटाइलेट आदि. जब हम अखबार में गर्म खाना रखते हैं तो ये स्याही खाने में चिपक जाती है. ये स्याही हमारे शरीर को बहुत नुकसान पहुंचाती है. ये केमिकल हमें कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी भी दे सकते हैं. इसलिए हमें कभी भी अखबार में गर्म खाना नहीं रखना चाहिए.
पाचन प्रकिया खराब करता है
अखबार में खाना लपेटकर खाने से पाचन संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं. अखबार का कागज पाचन तंत्र के लिए उपयुक्त नहीं होता है.अखबार की स्याही और अन्य रसायन पेट में जाकर पाचन क्रिया को खराब कर सकते हैं.इससे पेट में जलन, एसिडिटी, कब्ज जैसी समस्याएं हो सकती हैं. लंबे समय तक अखबार में खाना खाने से पाचन तंत्र कमजोर हो सकता है. स्वस्थ रहने के लिए अखबार में खाना लपेटकर खाने से बचना चाहिए.
हार्मोन असंतुलित होता है
अखबार के कागज का स्याही कई खतरनाक केमिकल से बनी होती है. अखबारों की स्याही में आम तौर पर आइसोप्रोपाइल अल्कोहल, पॉलीएथिलीन ग्लाइकॉल, डाइएथिलीन ग्लाइकॉल जैसे केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है.अखबार की स्याही में मौजूद विषाक्त पदार्थ खाने में मिलकर शरीर के अंदर जाता है और हार्मोन्स को बाधित कर सकता है. इससे शरीर के विभिन्न हार्मोन जैसे थायराइड, इन्सुलिन, एस्ट्रोजन आदि का संतुलन बिगड़ सकता है.
आंखों की रौशनी जा सकती है
अगर कोई व्यक्ति रोजाना अखबार में खाना लपेटकर खाता है तो उसकी आंखों की रोशनी कम होने का खतरा हो सकती है. अखबार की स्याही में मौजूद विषैले पदार्थ आंखों को नुक़सान पहुँचाते हैं. खासकर बुजुर्ग लोगों और बच्चों की आंखें इससे ज्यादा प्रभावित होती हैं.
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