हम सभी ने ज्यादातर गर्मी को नापसंद किया है. गर्मी स्किन का फटना, पसीना और डिहाइड्रेशन जैसी समस्याओं के लिए अनुकूल है. आयुर्वेद प्राकृतिक स्वास्थ का ज्ञान है उसके फायदे भी हैं. मेडियोग के संस्थापक योगी अनूप के मुताबिक, "जरूरी है कि शरीर में गर्मी से लड़ाई के लिए ज्यादा ऐल्कलाइन भोजन का सेवन किया जाए. पानी से भरपूर फूड खाएं जो न सिर्फ आपके शरीर को हाइड्रेट करेगा बल्कि एंटीऑक्सीडेंट्स भी मुहैया कराएगा जो आपको स्वस्थ रखेगा. प्याज, हरी सब्जी और बहुत ज्यादा पानी का इस्तेमाल करें. बुनियादी तौर पर आपको सुनिश्चित करना चाहिए कि खुश्की न हो क्योंकि ये शरीर को गर्म कर सकता है."
गर्मी में ठंडा रहने के चंद आयुर्वेदिक टिप्स
गर्म रखने वाले भोजन से बचें- ऐसे भोजड से परहेज करें जो आपके शरीर में गर्मी पैदा करेंगे और खतरनाक हो जाएंगे. खट्टे फल, तीखे फल, चुकंदर, गाजर आपके शरीर को गर्म करते हैं. लहसुन, मिर्च, टमाटर, नमकीन पनीर का सेवन सीमित करें. ज्यादा से ज्यादा सलाद खाएं क्योंकि उसका प्रभाव ठंडा होता है, खासकर लंच के वक्त.
नारियल तेल का इस्तेमाल करें- सुबह में रोजाना की रूटीन के हिस्से के तौर पर, नारियल तेल का 5-6 औंस नहाने से पहले अपने शरीर पर रगड़ें. ये आपकी स्किन को शांत, ठंडा और सुखदायक असर देता है. आप सूरजमुखी के तेल का इस्तेमाल भी विकल्प में कर सकते हैं.
गर्म पानी या गर्म ड्रिंक्स से बचें- गर्म पेय से पिट्टा डोसा को नुकसान का निमंत्रण मिलेगा. इसलिए हमेशा आपको ड्रिंक्स पीने के लिए कमरे के तापमान पर संतुलत रखने के लिए किया जाना चाहए.
ठंडे तेल का इस्तेमाल करें- चंदन, चमेली और खसखस का तेल आपकी निजात के लिए है. ये तेल न सिर्फ सुखदायक सुगंध देते हैं, बल्कि ठंडा करने के गुण भी पाए जाते हैं.
आइस कोल्ड ड्रिंक्स से बचें- आइस कोल्ड ड्रिंक्स पाचन में बाधा पैदा करते हैं और जहरीले पदार्थों को को पैदा करते हैं. आपका पाचन तंत्र फूड को ऊर्जा में बदलने का जिम्मेदा है. ठंडा पीना पाचन तंत्र समेत पेट के स्वास्थ्य को खराब कर सकता है.
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