Relationship Advice: 'लिव इन रिलेशनशिप' में आने से पहले जान लें ये 5 बातें, रहेंगे सेफ और खुश
आप लड़की हों या चाहे लड़का. अगर लिव-इन रिलेशनशिप में आने का मन बना रहे हैं या फिलहाल रह रहे हैं तो कुछ बातों पर जरूर गौर कर लें.
Live In Relationship: आपने श्रद्धा वालकर के हत्याकांड का मामला तो सुना ही होगा. वही श्रद्धा वालकर जिसकी उसके लिव-इन पार्टनर आफताब अमीन पूनावाला ने टुकड़ों में काटकर हत्या कर दी थी. इस दिल दहला देने वाले हत्याकांड के सामने आने के बाद लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे. कोई कहने लगा कि लिव-इन में रहना बहुत असुरक्षित है तो किसी ने कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप में रहना जिंदगी की एक बड़ी गलती है. बेशक श्रद्धा वालकर के हत्याकांड ने कई कपल और लोगों को डरा कर रख दिया हो, लेकिन ऐसा नहीं है कि सारे ही लिव-इन पार्टनर्स ऐसे हों या सारे ही लिव-इन रिलेशनशिप ऐसे ही होते हैं.
आप लड़की हों या चाहे लड़का. अगर लिव-इन रिलेशनशिप में आने का मन बना रहे हैं या फिलहाल रह रहे हैं तो कुछ बातों पर जरूर गौर कर लें. यहां हम आपको ऐसी ही कुछ बातें बताने जा रहे हैं, जिन्हें समझकर आप इस बारे में ठीक से फैसला कर पाएंगे कि आपको लिव-इन रिलेशनशिप में साथ रहना चाहिए या नहीं. अगर रहना चाहिए तो किन बातों का ख्याल खासतौर से रखना चाहिए. क्योंकि कोई भी रिश्ता यह गारंटी लेकर नहीं आता कि वह सुरक्षित रहेगा और ऐसा भी नहीं कि वो असुरक्षित ही साबित होगा. इसलिए यहां हम कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप चीज़ों को बेहतर तरीके से समझ सकेंगे.
रिलेशनशिप नहीं होना चाहिए 'टॉक्सिक'
अगर आप एक ऐसे रिश्ते में हैं, जो पहले से ही ठीक नहीं चल रहा और आपको लगता है कि साथ रहने से सबकुछ ठीक हो जाएगा तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. अगर आपका रिलेशनशिप या पार्टनर टॉक्सिक है तो ये फैसला करना आपके लिए गलत भी साबित हो सकता है. टॉक्सिक रिलेशनशिप में अंडरस्टैंडिंग की काफी कमी होती है. और जहां अंडरस्टैंडिंग नहीं वहां रिश्ता कई बार कमजोर पड़ता दिखाई देता है. लेकिन अगर आपके रिश्ते में बेहतर समझ हो या आपका पार्टनर आपकी हर बात समझता हो, आपकी फीलिंग्स को इंपोर्टेंस देता हो तो आप इस बारे में आगे बढ़ सकते हैं.
इनकम का सोर्स स्टेबल हो
जाहिर सी बात है कि अगर आप किसी के साथ रहेंगे तो अपना खर्चा भी मैनेज करना होगा. और यह भी आसान नहीं कि सिर्फ एक ही व्यक्ति कमाएं, क्योंकि कई बार लड़ाई-झगड़े में यह बात निकल ही जाती है कि "तुम करती क्या हो या करते क्या हो". इसलिए यह जरूरी है कि एक स्टेबल जॉब आपके पास हो. हालांकि कई पार्टनर्स समझदार होते हैं. वो अपना-अपना काम डिवाइड कर लेते हैं और समझदारी से सबकुछ मैनेज करते हैं. अगर आपके पास भी ऐसा समझदार पार्टनर है तो आप लिव-इन के बारे में सोच सकते हैं.
बार-बार लड़ाई-झगड़े न होना
अगर आपके रिलेशनशिप में बात-बात पर झगड़े और लड़ाई की गुंजाइश नहीं है तो आप लिव-इन के बारे में सोच सकते हैं. क्योंकि लड़ाई-झगड़ा ही कई बार भयावह परिणाम अपने साथ लेकर आता है. इसलिए आपकी सेफ्टी के लिए यह जरूरी है कि आप इस पैमाने की जांच भी जरूर करें. छोटी-मोटी खिटपिट आम बात है, लेकिन उसका मुद्दा बनाना सही नहीं है.
सीमा न लांघना
लिव-इन रिलेशनशिप में दोनों लोगों को एक-दूसरे की सीमा का अंदाजा होना चाहिए और उसे लांघने का प्रयास नहीं करना चाहिए. आप एक साथ रहते हैं, इसका मतलब यह नहीं कि पर्सनल स्पेस जैसी कोई चीज़ नहीं होनी चाहिए. हर व्यक्ति की अपनी एक निजी जिंदगी होती है. एक पर्सनल स्पेस होता है. पार्टनर को उस स्पेस का ख्याल रखना चाहिए. आप रिलेशनशिप में हैं इसका मतलब ये बिल्कुल भी नहीं कि आप दायरा लांघ जाए और अपने पार्टनर की बातों का सम्मान न करें. अगर आपका पार्टनर इस बात का ख्याल रखता है तो आप लिव-इन के बारे में सोच सकते हैं.
अपनों से संपर्क बनाए रखना
लिव-इन में आने के बाद या अगर आप अभी रह रहे हों तो इसका मतलब यह नहीं कि अपनों से बातचीत बंद कर दी जाए. या बाहरी दुनिया से संपर्क एकदम खत्म कर लिया जाए. अपने दोस्तों या फैमिली के नजदीकी मेंबर से हमेशा अपनी तकलीफें बताते रहें, ताकि उन्हें आपकी स्थिति के बारे में मालूम हो और वह आपकी बुरे वक्त में मदद कर सकें.
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