मास्क के कारण चश्मा लगाने वालों को होने वाली परेशानी से मिलेगी निजात, इजाद हुए नए तरीके के मास्क
देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को देखते हुए बेंगलुरु के रिसर्चरों ने एक खास तरह का मास्क विकसित किया है जिसे लगाने से चश्मा लगाने वालों को दिक्कत नहीं होगी. इसमें दो इयर लूप लगे हुए हैं जिससे अपनी सुविधानुसार एडजस्ट किया जा सकता है.

कोरोना ने जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. बाहर जाने पर हर पल मास्क लगाकर रहना लोगों की मजबूरी बन गई है. इससे कई तरह की परेशानियां होती हैं. ज्यादातर लोगों को मास्क से कान पर दबाव महसूस होता है. जो चश्मा लगाते हैं, उनके लिए और भी मुसीबत है. एक तो पहले से कान पर चश्मे का दबाव, ऊपर से मास्क के चलते उठने वाली वाष्प का चक्कर उन्हें बहुत परेशान करता है. अब इन समस्याओं से निजात मिल सकता है. बैंग्लुरु के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा एंटी माइक्रोबियल मास्क बनाया है जिसपर पानी का असर नहीं होता और इसको कम से कम 50 बार साफ कर इस्तेमाल किया जा सकता है. इसमें एंटी फॉगिंग गुण भी मौजूद है. ज्योति इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के सेंटर फॉर इनक्यूबेशन, इननोवेशन रिसर्च एंड कंसलटेंसी के एमएस संतोष और आर विश्वनाथ के निर्देशन में एक टीम ने इस मास्क को विकसित किया है.
50 बार तक साफ कर इस्तेमाल रिसर्चरों का कहना है कि यह मास्क माइक्रोऑर्गेनिज्म से रक्षा कर सकता है. यानी इस मास्क को पहनने के बाद डस्ट के बारीक कण, हवा में तैर रहे ड्रॉपलेट और एयरोसेल भी नाक या मुंह में नहीं घुसेंगे. इस पर सिलिका का नैनोपार्टिकल लगा है जिसके कारण यह पानी को दूर भगा देता है. मास्क पर अमोनियम साल्ट की परत चढ़ी है जिसके कारण यह एंटीमाइक्रोबियल बन गया है. संतोष बताते हैं कि इस मास्क का डिजाइन लोटस शेप में है जिसका पेटेंट करा लिया गया है. तीन लेयर में बने इस मास्क को पहनने में बहुत आरामदायक महसूस होता है. उन्होंने कहा कि इसकी सबसे अधिक खासियत यह है कि यह उन लोगों के लिए फायदेमंद हैं जो चश्मे का इस्तेमाल करते हैं. मास्क को 50 बार तक साफ कर पहना जा सकता है.
एडजस्टेबल इयर लूप से कान पर दबाव नहीं मास्क में एडजस्टेबल इयर लूप लगे हैं जिसके कारण कान पर अनावश्यक दबाव नहीं पड़ता है. मास्क पांच कलर में लोगों के लिए उपलब्ध होगा. इसके अलावा यह दो साइज का होगा एक छोटा एक बड़ा. संतोष बताते हैं कि इस तकनीकी के लिए पेटेंट हेतु आवेदन कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि टीम चाहती है कि यह जल्द लोगों के लिए उपलब्ध हो. इसका ब्रांड नेम आयुध रखा गया है और इसका टैगलाइन है आत्मरक्षा के लिए एक कवच. रिसर्चर ने लगभग 1000 मास्क बना लिए हैं और बड़े स्केल पर इसे बेचना चाहते हैं. कोरोना वायरस संक्रमण के सेकेंड वेब को देखते हुए इस मास्क का बेहतर इस्तेमाल किए जाने और कोरोना से बचने की उम्मीद है.
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