Good Parenting Tips : मोबाइल-इंटरनेट और बदलती लाइफस्टाइल (Lifestyle) के बीच बच्चों की अच्छी और सही परवरिश (Upbringing) आसान नहीं रह गया है. आपका व्यवहार, आपकी आदतें बच्चे सीखेंगे और वैसा ही दूसरों के साथ करेंगे. इसलिए भागदौड़ और बिजी शेड्यूल के बावजूद भी आपको बच्चों के सामने छोटी-छोटी हरकतों से बाज आनी चाहिए. क्योंकि ये लाइफटाइम के लिए उसकी आदत बन जाएगी, जो उसके फ्यूचर के लिए ठीक नहीं होगी. इसलिए अगर अच्छे माता-पिता बनना है और बच्चों की परवरिश (Parenting Tips) ठीक ढंग से करनी है तो आज से ही अपनी इन 10 आदतों को बदल लें...
जरा-जरा सी बात पर डांटने से बचें
कई बार बच्चों पर छोटी-छोटी बातों पर चिल्लाना या उन्हें डांटना आपकी आदत (Habit) बन जाती है. पढ़ाते या कुछ समझाते वक्त अगर बच्चे को कुछ समझ नहीं आ रहा है तो डांटने की बजाय उससे प्यास से डील करें, क्योंकि ऐसा करने से बच्चा सवाल पूछने से डरने लगेगा और आपका उस पर चिल्लाना उसे गुस्सैल बना सकता है.
खुद फैसला करने दें
बच्चों को आजादी देना चाहिए, इससे उनमें सोचने-समझने का विकास होता है. बच्चों को जब आप काम की आजादी देंगे तो उनकी क्रिएटिविटी में निखार आएगा. वे अपनी प्रॉब्लम्स आपसे शेयर करेंगे और आप दोनों के बीच की बॉन्डिंग भी अच्छी होगी.
दोष देने से बचें
कभी-कभी ऐसा भी होता है कि बच्चों की कुछ आदतें पैरेंट्स को अच्छी नहीं लगती. ऐसी स्थिति में उसे भला-बुरा न बोलें. उस पर बात-बात पर दोष न डालें. अच्छी पैरेंटिग का मतलब यह होता ही कि आप कितना भी गुस्सा या नाराज क्यों न हो, बच्चों के सामने ये बात जाहिर नहीं होनी चाहिए.
कभी तुलना न करें
हर बच्चे की अपनी-अपनी खासियत होती है. इसलिए कभी भी अपने बच्चे को दूसरे बच्चों से कंपेयर न करें. हो सकता है कि आपका बच्चा किसी एक काम में दूसरों से अच्छा न कर रहा हो लेकिन कई ऐसी भी एक्टिविजिट होंगी, जिसमें वह सबसे आगे और बेस्ट होगा. इसलिए उसे उसकी इस खासियत के बारें में बताएं और प्रोत्साहित करें.
हर बार इच्छी पूरी करना जरूरी नहीं
कभी-कभी बच्चों की मांग से पहले ही उनकी इच्छा पूरी करना उन्हें बिगाड़ सकता है. कई माता-पिता ऐसे होते हैं कि बच्चे कुछ भी मांगे, उससे पहले ही उन्हें लाकर सामान दे देते हैं. ऐसे में ध्यान रखना चाहिए कि ये आदत बच्चों पर गलत प्रभाव डाल सकती है. इसलिए जब भी कुछ लाएं तो इस बार का ख्याल रहे कि बच्चे को उसकी जरुरत होनी चाहिए.
गैजेट्स की छूट देने से बचें
आजकल मोबाइल-इंटरनेट के जमाने में बच्चे ज्यादातर वक्त स्मार्टफोन और गैजेट्स के साथ बिताने लगे हैं. ऐसे में उनकी आंखों और मेंटल हेल्थ पर असर पड़ता है. उनका विकास भी प्रभावित होता है. इसलिए बच्चों को गैजेट्स की छूट कम दें और मैदान में खेलने के लिए प्रोत्साहित करें.
धैर्य की सबसे ज्यादा जरुरत
पैरेंट्स को चाहिए कि वह अपने बच्चों को धैर्य (Patience) रखना और शांत रहना सीखाएं. आजकल यह लोगों में कम पाया जाता है. अगर बच्चे में शुरू से ही ये गुण डाले जाए तो वह आगे चलकर काफी सफल हो सकता है और ये आदतें उसे विपरीत परिस्थितियों से निकलने में भी मदद करेंगी.
जीतना सीखाएं लेकिन फेलियर से डील करना भी बताएं
कॉम्पटिशन (Competition) का दौर है तो बच्चों में जीतने की आदत तेजी से बढ़ रही है. इसलिए जीतने के लिए बच्चे का हौसला बढ़ाना बुरी बात नहीं लेकिन उसे फेल होने की स्थिति से डील करना भी सीखाएं. कई बार हारने से भी बच्चों को काफी कुछ सीखने को मिलता है.
नखरे को प्यार न समझें
कई बार जब बच्चे जिद करते हैं तो माता-पिता उन्हें वह करने की छूट दे देते हैं, जो बच्चे करना चाहते हैं. इसलिए कभी भी ऐसी सिचुएशन आए तो बच्चों को प्यार से समझाना चाहिए. उनके नखरे को कभी भी प्यार नहीं समझना चाहिए. अच्छी पैरेंटिगं के लिए भावनाओं पर काबू रखना जरूरी होता है. इससे बच्चे सही और गलत के बीच का अंतर सीख पाते हैं.
खुद में बदलाव लाएं
अच्छी पैरेंटिग के लिए कई आदतों माता-पिता को खुद भी छोड़ देनी चाहिए. इससे बच्चों का भविष्य शानदार हो सकता है. बच्चों पर आरोप मढ़ने से अच्छा है कि आप अपनी छोटी-छोटी बुरी आदतों को छोड़ दें और उसके परवरिश पर ध्यान लगाएं.
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