भारत में ब्लैक फंगस या म्यूकरमाइकोसिस संक्रमण को कई राज्यों ने महामारी के तौर पर घोषित किया है. इसके मामले ज्यादातर कोविड-19 के बाद देखे जा रहे हैं. आंकड़े बताते हैं कि ब्लैक फंगस मरीजों की संख्या 12 हजार है. उसकी वजह कोविड मरीजों के ज्यादा स्टेरॉयड का इस्तेमाल, देर तक आईसीयू में रहना है. डॉक्टरों का कहना है कि ब्लैक फंगस का ज्यादा खतरा डायबिटीज और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को है. 


कोविड-19 के बाद डेंटल संक्रमण की समस्या


अब, काली पपड़ी का बनना, आंशिक पारालाइसिस, सूजन, निरंतर सिर दर्द और कुछ मामलों में जबड़े की क्षति समेत चेहरे की विकृति ब्लैक फंगस का विशिष्ट मार्कर हो गया है. डेंटिस्ट का कहना है कि ब्लैक फंगस के चेतावनी संकेत को समझकर दांत की साफ-सफाई पर ध्यान देने की जरूरत है. शुरुआती चेतावनी संकेत की पहचान जटिलताओं को कम कर सकती है. विशेषकर कोविड-19 से ठीक होने के शुरुआती छह हफ्तों में मरीजों को विशेष तौर पर सतर्क रहने की जरूरत है. दांत की समस्या से परेशानी के मुद्दों को बेहद सावधानी से निपटाया जाना चाहिए. संक्रमण के खतरनाक होने की क्षमता है अगर ये चेहरे की मांसपेशियों और दिमाग तक पहुंच जाए.


संक्रण के फैलने का एक बुनियादी रास्ता जबड़े की हड्डी और मुंह है. मसूढ़े का फोड़ा और दंत संक्रमण भी ब्लैक फंगस का शुरुआती मार्कर हो सकता है. दंत स्वास्थ्य के इस विशेष लक्षण को पहचानने का दूसरा महत्वपूर्ण तरीका दर्द है. दांत के फोड़े से दर्द तेज और सख्त हो सकता है. कुछ लोगों के लिए मसूढ़े के फोड़े मुंह में सूजन और खराब स्वाद की वजह भी बन सकते हैं. इसलिए, दंत स्वच्छता रीज को पेचीदगी या मौत से भी बचा सकती है. 


शुरुआती छह हफ्ते मरीज के लिए बेहद चुनौती 


ब्लैक फंगस के शुरुआती दौर में मुंह और जबड़े के ऊपर एक फा सूजन, पारालाइसिस, लाली या बढ़ी संवेदनशीलता, पारालाइसिस, लाली देखने को मिल सकती है. दांत का झड़ना और दांत के फोड़े जबड़े के आसपास अतिरिक्त दर्द पैदा कर सकते हैं. अगर आपको आंख, माथा, जबड़े के आसपास दर्द हो, तो तत्काल डॉक्टर से सलाह लें. अभी मुंह और दातों को साफ रखना फंगल संक्रमण और जटिलता के खतरे को नकारने के लिए न सिर्फ जरूरी है बल्कि कई सारे संक्रमण के जोखिम को भी कम करता है. इसलिए जरूरी है कि मरीज मुंह व दांतों को साफ व सेहतमंद बनाकर रोग से बचें. टूथब्रश, गम क्लीनर को डिसइंफेक्ट करें और बैक्टीरियल रोधी माउथवाश से बार-बार गरारा करें.   


अगस्त से देश में बायोलॉजिकल ई की वैक्सीन भी मिलने लगेगी, सरकार ने 1500 करोड़ एडवांस में दिए


कोरोना तीसरी लहर से निपटने के लिए किन चीजों पर देना होगा ध्यान?, जानें एक्सपर्ट की राय