ब्लड प्रेशर की दवाएं, खासकर ACE इनहिबिटर या एंनजियोटेनसिन-2 रेसेप्टर ब्लॉकर्स, न्यूमोनिया और फ्लू के खतरे से बचा सकती हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि ब्लड प्रेशर दवा के इस्तेमाल करनेवालों को न्यूमोनिया और फ्लू से पीड़ित होने और मौत का खतरा कम हो जाता है. शोध को 'जर्नल ऑफ दि अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन' में प्रकाशित किया गया है.


ब्लड प्रेशर की दवाएं न्यूमोनिया और फ्लू से करती हैं सुरक्षा


शोधकर्ताओं ने 5 लाख डेनमार्क के मरीजों की मृत्यु दर की तुलना के बाद नतीजा निकाला है. मरीजों को इंफ्लुएंजा और न्यूमोनिया के चलते 2005-2018 के बीच अस्पतालों में भर्ती किया गया था. इसके अलावा मरीजों की दवाई और अन्य बीमारियों के डेटा इकट्ठा किए गए. इस दौरान पता चला कि 5 लाख मरीजों में से 1 लाख पाबंदी से ACE इनहिबिटर या एंनजियोटेनसिन-2 रेसेप्टर ब्लॉकर्स दवाएं खाते रहे थे. शोध से पता चला कि उनमें से बहुत कम लोगों को वेंटिलेटर पर रखने की जरूरत पड़ी और ब्लड प्रेशर की अन्य दवा जैसे कैल्शियम ब्लॉकर्स लेनेवालों की तुलना में उनकी मृत्यु दुर भी बहुत कम रही.


ACE इनहिबिटर दवा की एक किस्म है जो खून की नालियों को फैलाकर ब्लड प्रेशर कम करती हैं. बताया गया कि ACE इनहिबिटर या एंनजियोटेनसिन-2 रेसेप्टर ब्लॉकर्स इस्तेमाल करनेवाले अगर न्यूमोनिया और फ्लू के शिकार होते हैं तो उससे मौत और तबियत बिगड़ने का खतरा कम हो जाता है. डेनमार्क में किया गया शोध के नतीजे कोरोना वायरस से फैली महामारी के बीच सामने आया है.


शोधकर्ताओं ने कोविड-19 के लिए शोध की बताई जरूरत


शोधकर्ताओं का कहना है कि उन्होने इंफ्लुएंजा और न्यूमोनिया के मरीजों की दवा को कोविड-19 के लिए मुफीद होने पर परीक्षण नहीं किया है. लेकिन कुछ सबूत इसकी पुष्टि करते हैं कि ACE इनहिबिटर दवा फेफड़े की क्षति के खिलाफ सुरक्षात्मक प्रभाव रखती है. इसका असर उन लोगों के मरीजों में नहीं देखा गया जिन्होंने ब्लड प्रेशर की अन्य दवाइयों का इस्तेमाल किया. शोध से ब्लड प्रेशर की खास दवा ACE इनहिबिटर या एंनजियोटेनसिन-2 रेसेप्टर ब्लॉकर्स और कोविड-19 के बीच संबंध का पता नहीं चला है. लेकिन इसके लिए अभी और शोध करने की जरूरत से भी इंकार नहीं किया गया है.


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