नई दिल्ली: ब्लू व्हेल गेम की चर्चा हर ओर है. बच्चे और युवा ब्लू व्हेल गेम की चपेट में आकर सुसाइड कर रहे हैं. ये गेम हर किसी के लिए एक चिंता का वि‍षय बना हुआ है. यहां तक की इसे बैन भी कर दिया गया है लेकिन फिर भी इस गेम की वजह से होने वाले सुसाइड नहीं रूक रहे.


यूनिसेफ के मुताबिक, ज्यादातर 12 से 19 साल के टीनेजर्स और ब्लू व्हेल गेम की चपेट में आ रहे हैं. ऐसे में पेरेंट्स को सतर्क रहने की जरूर है. यूनिसेफ ने पेरेंट्स के लिए कुछ ऐसे टिप्स बताएं हैं जिससे पेरेंट्स आसानी से पहचान सकेंगे अगर उनका बच्चा भी ब्लू व्हेल गेम के चंगुल में फंस चुका है. चलिए जानते हैं कि कैसे आप पहचानेंगे कि आपका बच्चा ब्लू व्हेल गेम का शिकार है या नहीं?




  • बच्चा अपने आप में ही खोया रहता हो.

  • बच्चा घर में किसी से भी बातचीत न कर रहा हो.

  • बच्चे ने घर से भाग जाने की बात की हो या आत्महत्या की बात की हो.

  • बच्चे के खाने या सोने के रूटीन में अचानक बदलाव आना.

  • ये उन बच्चों में देखे जाने वाले आम लक्षण हैं जो ब्लू व्हेल गेम के शिकार हो सकते हैं. अगर आपको अपने बच्चों में ये सब लक्षण दिखाई दिए हो, तो फिर ये चिंता का विषय है.


ऐसे में क्या करें पेरेंट्स-




  • पेरेंट्स ये सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे उन्हीं ऑनलाइन साइट्स का इस्तेमाल करें जो अनैतिक व्यवहार या हिंसा को बढ़ावा नहीं देते हैं.

  • हमेशा ये ध्यान रखें कि बच्चे इंटरनेट आपके घर में लगे कंप्यूटर पर ही चलाये.

  • अपने बच्चों के दोस्त बनिए इससे उनको आपसे खुलकर अपनी प्रॉब्लम्स बताने में मदद मिलेगी.

  • अपने बच्चों के मोबाइल फोन, टैबलेट या कंप्यूटर पर पेरेंटल कंट्रोल का इस्तेमाल कीजिये. उनकी ऑनलाइन एक्टिविटीज पर नजर रखिये लेकिन उनके सामने उनका फोन मत चैक कीजिये क्योंकि इससे उन्हें लगेगा कि आप उन पर भरोसा नहीं करते.

  • अपने बच्चे के लिए एक आदर्श मॉडल बनिए और हर तरह ऑनलाइन एक्टिविटीज के बारे में जागरूक रहिए.

  • दूसरे पेरेंट्स से बात कीजिये. उनसे अपनी प्रॉब्लम्स शेयर कीजिये और अपने बच्चे की सुरक्षा के लिए बेस्ट तरीकों पर चर्चा कीजिये.

  • अपने आप को इंटरनेट के नए तरीकों से वाकिफ रखिये और आसपास हुई सब घटनाओं से परिचित रहिये.

  • अपने बच्चे के व्यवहार को बारिकी से ऑब्सर्व कीजिये. अगर उनके बिहेवियर में असामान्य परिवर्तन जैसे पढ़ाई में रुचि न होना, किसी से बात न करना, हर समय उनका मूड खराब रहना या उनके मार्क्स अच्छे ना आना. इस तरह के बदलावों को ध्यान में रखें और उनकी ऑनलाइन एक्टिविटीज पर नजर रखें, उनके स्कूल के अधिकारियों से बात करें या एक बच्चे के मनोवैज्ञानिक से बात करें.

  • अगर आपको पता चला कि आपका बच्चा पहले से ही ब्लू व्हेल गेम खेल रहा है तो तुरंत उन्हें किसी भी इंटरनेट डिवाइस का इस्तेमाल करने से रोक दें.

  • इसी के साथ लोकल पुलिस में इस चीज को इन्फॉर्म कीजिये और उनसे कुछ सुरक्षित सलाह लीजिए.


नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.