Board Exam 2023: बोर्ड एग्जाम का प्रेशर अन्य एग्जाम की तुलना में अलग होता है. छात्र अलग-अलग माध्यमों से इस परीक्षा के प्रिपरेशन की तैयारी को लेकर जानकारी इकट्ठा करते हैं. छात्रों के साथ-साथ माता-पिता भी बच्चे के पेपर को लेकर टेंशन में रहते हैं कि आखिर बच्चा पेपर में कैसा प्रदर्शन करेगा और उसका परिणाम क्या रहेगा.  बदलते वक्त के साथ अब पढ़ाई का तरीका बदल गया है. मोटी-मोटी किताबें और उनमें घंटो समय लगाने के बजाय लोग अब ऑनलाइन माध्यम से इन किताबों में मौजूद महत्वपूर्ण जानकारी को कम समय में प्राप्त कर रहे हैं. एग्जाम के लिए तैयारी करते वक्त ये जरूरी है कि बच्चा हार्ड वर्क के बजाय स्मार्ट वर्क करें और अपने आपको तनाव मुक्त रखें. आज इस लेख के माध्यम से जानिए कि आप बोर्ड एग्जाम के लिए स्मार्टली कैसे प्रिपरेशन कर सकते हैं.


टाइम मैनेजमेंट


अगर आपने पढ़ाई के लिए सही तरीके से टाइम मैनेज किया है तो आप कम समय में ज्यादा जानकारी हासिल कर सकते हैं. हर सब्जेक्ट के लिए एक टाइम शेड्यूल बनाएं और इस शेड्यूल को पेपर होने तक फॉलो करें. अगर आप इस तरह से पढ़ते हैं तो हर सब्जेक्ट को समय दे पाएंगे और बोर्ड एग्जाम के लिए अच्छे से प्रिपरेशन कर पाएंगे. न सिर्फ पेपर बल्कि अन्य कामों के लिए भी अगर आप टाइम मैनेज करके चलते है तो इससे आपको कई फायदे होंगे. बचपन की ये आदत आगे चलकर आपके बड़े काम आएगी.     


कठिन चैप्टर और सब्जेक्ट को बनाएं टॉप प्रायोरिटी 


बोर्ड एग्जाम के प्रिपरेशन के दौरान छात्र आसान सब्जेक्ट और चैप्टर को पहले पढ़ते हैं जबकि करना ये चाहिए कि कठिन चैप्टर और सब्जेक्ट को टॉप प्रायोरिटी बनाना चाहिए. जब आप इन्हें कवर करेंगे तो आपको जो भी परेशानी इस दौरान आएगी आप समय रहते अपने अध्यापक से पूछ पाएंगे और आसानी से चीजें समझ लेंगे. वहीं, अगर आप इसका उल्टा करते हैं तो अंत समय में आप कई महत्व्पूर्ण चीजे मिस कर देंगे. अपना टाइम शेड्यूल इस तरह बनाएं कि कठिन सब्जेक्ट और चैप्टर पहले हो और आसान सब्जेक्ट इसके बाद. अगर आप इस तरह पढ़ाई करते हैं तो परीक्षा में आपको कठिनाई नहीं होगी और आप तनावमुक्त भी रहेंगे. टाइम शेड्यूल के अलावा अपने आपको उन विषयों और चैप्टर के लिए अधिक समय दें जिसमें आपको लगता है कि आपको और रिवीजन की जरूरत है.


सेल्फ इवैल्यूएशन


तैयारी करने के बीच में खुद का टेस्ट लेना भी पढ़ाई का एक स्मार्ट तरीका है. इससे आपको ये पता चलेगा कि आप कहां चूक रहे हैं और किस चीज में अच्छे हैं. टेस्ट पेपर के अनुसार ही आप अपना आगे का शेड्यूल बनाएं और कमजोर बिंदुओं पर ज्यादा ध्यान दें. अपनी टेस्ट की अवधि बोर्ड एग्जाम के अवधि के बराबर रखें. इससे आपको ये फायदा होगा कि जब आप फाइनल एग्जाम में बैठेंगे तो आप कॉन्फिडेंट और अच्छे से पेपर दे पाएंगे क्योंकि आप इसकी प्रैक्टिस कर चुके हैं, किस क्वेश्चन को कितना समय देना है इस बात का भी आईडी आपको सेल्फ इवैल्यूएशन से हो गया है.


ब्रेक


पढ़ाई के साथ-साथ ब्रेक लेना भी जरुरी है. आपका शेड्यूल चाहे जितना मर्जी टाइट हो ब्रेक लेना जरूरी है.  ब्रेक लेने से आप तनावमुक्त और अच्छी मेंटल हेल्थ में रहेंगे.  समय-समय पर ब्रेक लेने से आपका माइंड नई चीजों को अच्छे से सीखेगा और लंबे समय तक स्टोर कर पाएगा. अगर आप तनाव में रहकर चीजें याद करते हैं या समझने की कोशिश करते हैं तो ये लंबे समय तक याद नहीं रहती जो पेपर में परेशान करता है. साथ ही अपने खानपान का विशेष ख्याल रखें और एक्सरसाइज, मेडिटेशन करते रहें. 


पिछले साल के क्वेश्चन पेपर


बनाए गए शेड्यूल के साथ-साथ पिछले साल के क्वेश्चन पेपर और मॉक पेपर को सॉल्व करने की कोशिश करते रहे. जितने ज्यादा पेपर आप कवर करेंगे इससे आपकी क्वेश्चन को सॉल्व करने की क्षमता बढ़ जाएगी और आप जल्द कठिन सवालों को भी सॉल्व कर पाएंगे. इस बात का भी ध्यान रखें कि परीक्षा में किस चैप्टर से कितना पूछा जाना है. इसी हिसाब से अपनी तैयारी करें. ऐसा न हो जिस चैप्टर से कम अंकों का प्रश्न आना हैं, वहां आप घंटों मेहनत कर रहे हैं. इस टेक्निक से आप उन चैप्टर पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर पाएंगे जिनसे ज्यादा अंको के सवाल आने हैं और आप परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे. 


सबसे महत्वपूर्ण बात जो आपको बोर्ड प्रिपरेशन के दौरान ध्यान रखनी है वे ये कि आप कभी भी पहले से ये दिमाग में लेकर न चले कि कम ग्रेड आने या कम परसेंटेज बनने से क्या होगा और क्या नहीं. पहले से इस बात का कैलकुलेशन करना बंद करें और एक अच्छे और हेल्दी एनवायरमेंट में अपनी पढ़ाई करें.  परीक्षाएं केवल आपकी क्षमताओं को आंकने के लिए होती है ये किसी का भविष्य तय नहीं करती. 


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