योग से यूं बढ़ाएं रोग-प्रतिरोधक क्षमता
- सबसे पहले आप करेंगे विरेचन क्रिया का अभ्यास. इस क्रिया में अपने आसन पर खड़े हो जाएं. 90 डिग्री के एंगल पर हाथों को टिका दें. मांइड कंट्रोलिंग नर्व्स पर आपके हाथों का प्रेशर पड़ना चाहिए. इस क्रिया को सभी कर सकते हैं. इसके लाभ ही लाभ हैं. इसके कोई साइड इफेक्ट्स नहीं हैं.
- 90 डिग्री के एंगल पर हाथों को टिकाने के बाद सांस भरते हुए हाथों को ऊपर की ओर लेकर जाएं. सांस छोड़ते हुए हाथों को वापिस ले आएं. 50 से 100 बार तक इस क्रिया को करें.
- इसके बाद पैरों और हाथों को खोलें. गहरा सांस लें और फिर पूरी तरह से सांस छोड़ दें. तीन से चार बार ऐसा करने के बाद हाथों को मिला लें और शरीर को शिथिल छोड़ दें. 50 से 100 का एक राउंड है. आपको कम से कम 5 राउंड करने हैं. इससे ज्यादा भी आप अपनी क्षमता के अनुसार कर सकते हैं.
- इसके बाद आप करेंगे शिशुगति आसन. ये इम्यूनिटी को तो स्ट्रांग करेगा ही साथ ही पूरे शरीर को चुस्त-दुरुस्त भी करेगा.
- घुटने के बल जमीन पर आ जाएं. हाथ, पंजे और घुटने जमीन पर टिका दें. बच्चे की तरह इस आसन को करें. फिर वज्रासन में बैठ जाएं.
- इसके अलावा इम्यूनिटी को स्ट्रांग करने के लिए प्रकृति के साथ समय बिताएं. यानी थोड़ा समय खुले में जाकर हरी-भरी घास में बिताएं.
- तुलसी का सेवन नियमित रूप से कीजिए.
विरेचन क्रिया और शिशुगति आसन करने का तरीका-