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क्या हम पहले मिल चुके हैं? क्या कई बार अजनबी से मिलकर आपको भी ऐसा लगता है!
नई दिल्लीः कई बार आपके साथ भी ऐसा हुआ होगा जब किसी अंजान व्यक्ति से मिलकर आपको लगा होगा कि आप शायद उससे पहले मिले हैं या वो चेहरा जाना-पहचाना है. कई बार अनायास ही किसी अजनबी से मिलकर आपके मुंह से निकला होगा क्या हम पहले कभी मिल चुके हैं? लेकिन क्या आपने कभी सोचा है ऐसा क्यों होता है?
हाल ही में आई रिसर्च के मुताबिक, ब्रेन के पास चेहरों को पहचानने की अद्भूत क्षमता होती है. वो किसी भी चेहरे को कुछ हजार सेकेंड में ही पहचान लेता है. इतना ही नहीं, ये मेमोरी दशकों तक दिमाग में रहती है. कैसे की गई रिसर्च- कॉलटेक बायालोजिस्ट ली चैंग और वाई टीसाओ ने इस रिसर्च को अंजान दिया. शोधकर्ताओं ने इलेक्ट्रिकल रिकॉर्डिंग्स के जरिए प्रयोग किया जिसमें फेस सैल्स न्यूरॉन्स की प्रतिक्रियाओं को रिकॉर्ड किया गया. ये फेस सेल्स इलेक्ट्रिक सिग्नल के जरिए उस समय प्रतिक्रिया देते हैं जब रेटिना में मौजूद चेहरा पहचान में आता है. रिसर्च के नतीजे- रिसर्च के नतीजों में पाया गया कि इस पूरे प्रोसेस में सिर्फ 200 फेस सेल्स की जरूरत पड़ती है. हालांकि अभी इस पर और रिसर्च जारी है और अन्य लैब्स में इस पर प्रयोग चल रहा है. लेकिन ये रिसर्च बताती है कि अगर कोई चेहरा जाना-पहचाना लगता है तो इसका मुख्य कारण रेटिना में उसी तरह के मिलता-जुलता चेहरे की छाप मौजूद है. यानि रेटिना में जिस चेहरे की छाप अंकित है उसी से मिलता-जुलता चेहरा सामने आएगा तो फेस सेल्स हाई लेवल पर एक्टिव होकर चेहरे की शेप और फीचर्स को पहचान करने के बाद इलेक्ट्रिक सिग्नल भेजते हैं. जिससे आपको महसूस होता है कि आप उस व्यक्ति को पहचानते हैं या फिर पहले मिल चुके हैं. नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.
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