देश के दिग्गज उद्योगपतियों में शुमार रतन टाटा ने बुधवार रात दुनिया को अलविदा कह दिया. वह 86 साल के थे. वह दिन से बीमार चल रहे थे. रतन टाटा का पार्थिव शरीर उनके कोलाबा स्थित घर में रखा गया है. गुरुवार शाम चार बजे उनका पार्थिव शरीर नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स में रखा जाएगा, जहां आम लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे. इसके बाद वर्ली श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार होगा. आइए आपको रतन टाटा की उन बातों से रूबरू कराते हैं, जो किसी भी इंसान की जिंदगी को नई दिशा दे सकती हैं. 


रतन टाटा की जिंदगी का फलसफा एकदम सरल था. उनके प्रेरणादायक विचार हर किसी को जीवन के वास्तविक यर्थार्थ से रूबरू कराते हैं. वह कहते थे...



  • हम लोग इंसान हैं, कोई कंप्यूटर नहीं. इसलिए जीवन का मजा लीजिए, इसे हमेशा गंभीर मत बनाइए.

  • मैं सही फैसले लेने में विश्वास नहीं करता. मैं फैसले लेता हूं और फिर उन्हें सही साबित कर देता हूं.

  • अगर लोग आप पर पत्थर मारते हैं तो उन पत्थरों का इस्तेमाल अपना महल बनाने में कर लीजिए.

  • तुम्हारी गलती सिर्फ तुम्हारी है, तुम्हारी असफलता सिर्फ तुम्हारी है. किसी को इसका दोष मत दो, अपनी इस गलती से सीखो और आगे बढ़ो.

  • अच्छी पढ़ाई करने वालों और कड़ी मेहनत करने वालों अपने दोस्तों को कभी मत चिढ़ाओ. एक समय आएगा, जब तुम्हें उनके नीचे भी काम करना पड़ सकता है.

  • हर व्यक्ति में कुछ विशेष गुण एवं प्रतिभा होती हैं, इसलिए व्यक्ति को सफलता पाने के लिए अपने गुणों की पहचान करनी चाहिए.

  • दूसरों की नकल करने वाला इंसान थोड़े समय के लिए सफलता प्राप्त कर सकता है, लेकिन वह जीवन में बहुत आगे नहीं बढ़ सकता है.

  • अगर आप तेज चलना चाहते हैं तो अकेले चलिए, अगर आप दूर तक चलना चाहते हैं तो साथ-साथ चलिए.

  • ऐसी कई चीजें हैं, जो अगर मुझे दोबारा जीने का मौका मिले तो शायद मैं अलग ढंग से करूंगा. लेकिन मैं पीछे मुड़कर यह नहीं देखना चाहूंगा कि मैं क्या नहीं कर पाया.


देशभर में शोक की लहर


रतन टाटा के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह समेत तमाम नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्ति किया है. इसके अलावा कई राज्यों में राजकीय अवकाश का ऐलान कर दिया गया है. उद्योग जगत से लेकर आम जनता तक, हर कोई इस महान शख्सियत को याद कर रहा है. रतन टाटा सिर्फ टाटा समूह के कर्मचारियों में ही सकारात्मक बदलाव नहीं लाए, बल्कि उनसे पूरी दुनिया प्रेरणा लेती रही है. प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और विभिन्न राजनीतिक एवं सामाजिक नेताओं ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है.