ब्रेस्टफीडिंग करानेवाली मां क्या खट्टे फलों का कर सकती है सेवन? जानिए फायदे हैं या नुकसान
ब्रेस्टफीडिंग करानेवाली मां क्या खट्टे फलों का इस्तेमाल कर सकती है या नहीं, इससे जुड़े कई मिथक हैं, जिसके मुताबिक खट्टे फलों का सेवन ठीक नहीं है. लेकिन सच्चाई क्या है, ये जानना जरूरी हो जाता है.
ब्रेस्टफीडिंग के दिनों में संतुलित डाइट खाना मां और शिशु दोनों के लिए आवश्यक है. पोषक तत्वों से भरपूर डाइट मां की जल्द यूटेरस रिकवरी और बच्चे के विकास में मदद करती है. आम तौर पर मां को अपनी डाइट में सभी प्रकार के पोषक तत्वों को शामिल करना चाहिए क्योंकि उसके अलग-अलग फायदे हैं. लेकिन मां की डाइट से जुड़ी कई गलतफहमी पाई जाती है और ज्यादातर मात्र अफवाह होती है. सबसे आम अफवाहों में से एक खट्टे फलों से परहेज है.
खट्टे फल क्यों खराब समझे जाते हैं?
शिशु पोषण और ऊर्जा के लिए शुरुआती छह महीनों तक पूरी तरह मां के दूध पर निर्भर रहता है. पोस्ट प्रेगनेंसी मां का खाया फूड उसके दूध से बच्चे तक पहुंचता है. इसलिए, बच्चे को एलर्जी या अपच पैदा करनेवाले फूड्स से बचा जाता है. यही मामला खट्टे फलों के साथ है. शिशु के पाचन सिस्टम को विकसित होने में समय लगता है और बहुत ज्यादा तीखे फल का सेवन एसिडिटी पैदा करने के लिए जाने जाते हैं.
क्या आपको खट्टे फलों से परहेज करना चाहिए?
इस सवाल का साधारण जवाब है नहीं. तीखे फल विटामिन सी में भरपूर होते हैं, विटामिन सी इम्यूनिटी बढ़ाने और बच्चे के जोड़ को मजबूत करने के लिए जरूरी होता है. मात्र इस वजह से कि आप ब्रेस्टफीडिंग करा रही हैं आपको आश्चर्यजनक रूप से इस पौष्टिक फूड को अपनी डाइट से बचने की जरूरत नहीं है.
ये तीखे फल ब्रेस्टफीडिंग करानेवाली मां के लिए बहुत अच्छे होते हैं. आप उसे खा सकती हैं या जूस के तौर इस्तेमाल कर सकती हैं. लेकिन सुनिश्चित करें कि ज्यादा मात्रा में न हो. अगर खट्टे फल आपके बच्चे के पेट को खराब करते हैं, तो जरूरी एहतियाती उपाय अपनाएं.
ब्रेस्टफीडिंग में मां को खट्टे फल क्यों खाना चाहिए?
खट्टे फल फ्लेवोनॉयड्स और फाइबर में भरपूर होते हैं. उसमें एक महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट भी होता है जो हेल्दी और कई तरीकों से फिट रखने में मदद करता है. ब्रेस्टफीडिंग करानेवाली मां को एक दिन में दो खट्टे फलों का सेवन हेल्दी समझा जाता है. पानी और फाइबर की मात्रा में भरपूर होने के चलते खट्टे फल कब्ज को कम कर सकते हैं और मां को हाइड्रेटेड रखते हैं. तीखे फल में अलग-अलग प्रकार के मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में सूजन को कम करने में मददगार हो सकते हैं.
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