क्या डायबिटीज के मरीजों को आम खाना सुरक्षित है? GI रैंकिंग में आम का क्या है नंबर?
शुगर रोगी शुगर लेवल संतुलित रखने के लिए क्या आम खाना छोड़ दें.विशेषज्ञों का कहना है कि डायबिटीज के मरीज भी आम खा सकते हैं.
फलों का राजा आम हर किसी की पसंद होता है. चाहे स्वस्थ लोग हों या मरीज आम सबको ललचाता है. लेकिन डायबिटीज के रोगी हमेशा इसको लेकर आम तौर पर दुविधा में रहते हैं. उनकी चिंता का कारण ब्लड शुगर लेवल बढ़ने की आशंका हो सकता है. ऐसे में सवाल पैदा होता है कि क्या डायबिटीज के मरीज आम से परहेज करेंग. इस्तेमाल के बाद क्या उनका ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाएगा.
क्या डायबिटीज में आम के हैं नुकसान?
विशेषज्ञों का कहना है कि डायबिटीज के मरीजों के लिए आम खाना सुरक्षित है. आम में 90 फीसद कैलोरी शुगर से हासिल होती है. आम में फाइबर समेत कई एंटी ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो ब्लड शुगर के समग्र प्रभाव को कम करने में भूमिका निभाते हैं. इसके अलावा आम में विटामिन सी, फोलेट, तांबा, विटामिन ए, विटामिन ई का एक समृद्ध स्रोत पाया जाता है. आम में एंटी ऑक्सीडेंट्स तनाव प्रक्रिया को कम करने में सहायता पहुंचाता है. ये ब्लड शुगर लेवल में एक कील की तरह जुड़ा होता है. जो शरीर के लिए कॉर्ब्स का प्रबंध कर उसे संतुलित करने का काम करता है.
फूड की रैंकिंग में आम की GI कम
आम इसलिए भी शुगर के मरीज खा सकते हैं क्योंकि इसका GI 51 है. आम में ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) कम पाया जाता है. आम की GI रैंकिंग 51 होने की वजह से इस्तेमाल के उपयुक्त बताया गया है. आपको बता दें कि GI एक उपकरण है जिसका इस्तेमाल ब्लड शुगर लेवल के प्रभाव और खाद्य पदार्थों की रैंकिंग में किया जाता है. 0-100 स्केल पर 0 GI शुगर लेवल पर किसी तरह का प्रभाव नहीं डालता जबकि 100 GI शुद्ध चीनी के अंतर्ग्रहण के प्रत्याशित प्रभाव की नुमाइंदगी करता है. फूड में 55 से नीचे के रैंक GI पर कम होते हैं और उसे डायबिटीज मरीज के लिए मुफीद माने जाते हैं.
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