टीके की दोनों डोज लेने के बाद भी क्या डेल्टा वेरिएन्ट की चपेट में आ सकते हैं लोग? जानें
ताजा रिपोर्ट बताती है कि टीके की दोनों डोज लेने के बावजूद डेल्टा वेरिएन्ट की चपेट में आने का अभी भी खतरा है. लोग एसिम्पटोमैटिक हो सकते हैं और संक्रमण फैला सकते हैं.
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शोधकर्ताओं ने सावधान किया है कि कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएन्ट में इम्यून सिस्टम को चकमा देने और गंभीर पेचीदगी का कारण बनने की क्षमता है. ताजा रिपोर्ट में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि ये स्ट्रेन तेजी से फैल रहा है और दुनिया के 111 से ज्यादा मुल्कों में मौजूद है. गौरतलब है कि कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएन्ट की पहली बार खोज भारत में दिसंबर में की गई थी.
कोरोना के डेल्टा वेरिएन्ट में इम्यून सिस्टम को देने की क्षमता
WHO उसे 'वेरिएन्ट ऑफ कंसर्न' घोषित कर चुका है. इस प्रकार डेल्टा अत्यधिक संक्रामक और तेजी से फैलने वाले कोरोना वायरस का एक स्ट्रेन कहा जाने लगा. लाखों लोगों की जिंदगी पहली और दूसरी लहर में खतरनाक वायरस के कारण जा चुकी है. इस वेरिएन्ट के फैलाव के पीछे की वजह को स्पष्ट करते हुए WHO ने बताया कि दुनिया भर में डेल्टा मामलों में बड़ी उछाल के पीछे कुछ फैक्टर बड़े पैमाने पर काम कर रहे हैं.
अचानक सामाजिक मेलजोल में वृद्धि से लोगों के बीच संपर्क बढ़ा है.
महामारी के प्रोटोकॉल में दी गई ढिलाई और रियायत दूसरा कारण है.
अन्य महत्वपूर्ण फैक्टर में कोविड-19 वैक्सीन का असमान वितरण है.
विशेषज्ञों ने ये भी माना है कि भारत में कोरोना वायरस की घातक दूसरी लहर अधिक संक्रामक डेल्टा वेरिएन्ट के कारण थी. भारत में दूसरी लहर के पीछे डेल्टा वेरिएन्ट के संभावित कारण का मजबूत सबूत मिलने की बात कही गई है. कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएन्ट की दो प्रमुख विशेषताएं हैं: पहला ये कि कोरोना वायरस के दूसरे स्ट्रेन के मुकाबले अधिक संक्रामक है. दूसरा, टीकाकरण नहीं कराने वालों को डेल्टा वेरिएन्ट की चपेट में आने का खतरा है. यहां तक कि वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके लोगों को भी कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएन्ट से संक्रमण हो सकता है.
पूरी तरह टीकाकरण करा चुके लोगों को भी खतरा क्यों?
अमेरिकी विशेषज्ञ डॉक्टर एंथनी फाउची ने कहा कि पूरी तरह वैक्सीन लगवा चुका शख्स भी डेल्टा वेरिएन्ट का एसिम्पटोमैटिक मरीज हो सकता है, और दूसरों तक संक्रमण को फैलाने की ज्यादा क्षमता रखता है. हालांकि, उन्होंने ये भी बताया कि टीकाकरण करा चुके लोग संक्रमण की गंभीर पेचीदगियों से सुरक्षित हैं और टीकाकरण नहीं करानेवालों के मुकाबले ज्यादा प्रभावी ढंग से कोविड-19 का मुकाबला कर सकते हैं.
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