डायबिटीज ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने से रोग पैदा होता है. डायबिटीज दो तरह-टाइप 1 और टाइप 2 होता है. आसान शब्दों में कहें तो टाइप 1 डायबिटीज उस वक्त होता है जब इंसुलिन पैदा करनेवाली कोशिकाएं आपके इम्यून सिस्टम के जरिए तबाह हो जाते हैं.
टाइप 2 डायबिटीज की स्थिति में आपका शरीर अग्नाशय से पैदा होनेवाले इंसुलिन का इस्तेमाल नहीं कर पाता है. डायबिटीड टाइप 2 टाइप 1 के मुकाबले ज्यादा लोगों में पाया जाता है. अगर उचित तरीके से नियंत्रित नहीं किया जाए, तो डायिबिटिज के मरीजों को गंभीर स्वास्थ्य की पेचीदगियां जैसे किडनी की बीमारी, दिल की बीमारी और मल्टीपल ऑर्गन फेल्यूर हो सकते हैं.
डायबिटीज टाइप 2 के मरीजों को खानपान पर अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है. उन्हें मिठाइयां, कोला और दूसरे फूड उत्पादों के सेवन से दूर रहना चाहिए क्योंकि उसमें बहुत ज्यादा शुगर मिलता है. डायबिटीज के मरीजों को अपने शुगर लेवल काबू में रखने के लिए संक्षिप्त मगर बार-बार खाने की सलाह भी दी जाती है. लेकिन बीमारी से पीड़ित लोग अक्सर भूल जाते हैं कि शुगर का प्राकृतिक शक्ल में इस्तेमाल बहुत ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचीती.
प्राकृतिक स्वीटनर और डायबिटीज
ज्यादातर लोग, चाहे उन्हें डायबिटीज टाइप 2 है या नहीं, प्राकृतिक स्वीटनर की तरफ सेहतमंद रहने की खातिर रुख कर रहे हैं. लोकप्रिय प्राकृतिक स्वीटनर में शहद और गुड़ शामिल है. प्रोसेस्ड चीनी के मुकाबले उनको बेहतर स्वास्थ्य का विकल्प माना जाता है. गुड़ और शहद को ज्यादा सेहतमंद इसलिए कहा जाता है क्योंकि शुगर के तौर पर प्रोसेस्सड नहीं किया जाता है और कम रसायन का इस्तेमाल किया जाता है. इसके मुकाबले, ब्राउन और व्हाइट शुगर, गुड़ और शहद बेहतर स्वास्थ्य के विकल्प माने जाते हैं.
क्या प्राकृतिक स्वीटनर फायदेमंद है?
डायबिटीज के मरीजों को मीठा से जहां तक संभव हो सके दूर रहने की सलाह दी जाती है. जिससे उनका ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रह सके. ऐसा इसलिए क्योंकि इस्तेमाल किए जानेवाले फूड आम तौर से कार्बोहाइड्रेट्स और प्राकृतिक शुगर से भरपूर होते हैं. ये हमारे ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखने के लिए पर्याप्त होता है और बहुत ज्यादा गिरने से रोकता है.
गुड़ डायबिटीज के मरीजों के लिए
इसमें कोई शक नहीं है कि शुगर के मुकाबले गुड़ ज्यादा सेहतमंद है. लेकिन डायबिटीज के मरीजों के लिए दोनों का एक ही मतलब है. इसलिए, अगर डायबिटीज के मरीज गुड़ का सेवन कर रहे हैं, तो उन्हें जरूर कम मात्रा में सेवन करना चाहिए. गुड़ में अत्यधिक शुगर के तत्व शामिल होते हैं जिसकी वजह से डायबिटीज के मरीजों का ब्लड शुगर बढ़ सकता है. गुड़ का ज्यादा ग्लाइसेमिक इंडेक्स 84.4 होता है. इसके चलते डायबिटीज के मरीजों को गुड़ का सेवन करना उपयुक्त नहीं होगा.
कृत्रिम स्वीटनर की तुलना में प्राकृत्रिक स्वीटनर निश्चित रूप से स्वस्थ पसंद है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि कोई जितना चाहे उतना इस्तेमाल कर सकता है. हमेशा याद रखें, कम मात्रा में सेवन बुनियाद है, चाहे आप डायबिटीज के रोगी हो या नहीं. अत्यधिक स्वीटनर के सेवन से, डायबिटीज नहीं होने पर भी वजन वृद्धि का कारण बन सकता है और पुरानी बीमारियों समेत मोटापे के खतरा में डालता है.
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