Cardiac Arrest: कार्डियक अरेस्ट आए तो सिर्फ 5 मिनट में बच सकती है जान, जानिए क्या करना है
Cardiac Arrests: कार्डियक अरेस्ट आने पर आप मरीज की जान बचा सकते हैं. इसके लिए मरीज को 5 मिनट में अंदर सीपीआर देने की जरूरत है. इससे मरीज का दिल फिर से धड़कना शुरु कर सकता है. जानिए कैसे.
Sudden Cardiac Arrest: हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट को लोग कई बार एक जैसा समझते हैं, लेकिन डॉक्टर्स का कहना है कि दोनों में काफी अंतर है. कार्डीऐक अरेस्ट और दिल का दौरा दोनों अलग चीज़ें हैं. भारत में अचानक कार्डियक अरेस्ट के मामले काफी बढ़ रहे हैं, लेकिन परेशान करने वाली बात ये है कि लोगों को कार्डियक अरेस्ट के बारे में जानकारी नहीं है. लोग इसे हार्ट अटैक ही समझते हैं और जो इलाज 5 मिनट के अंदर किया जा सकता है उसे करने में देरी करते हैं.
कार्डियक अरेस्ट में जब तक मरीज को अस्पताल पहुंचाया जाता है. तब तक उसकी मौत हो जाती है. ऐसे में आपको ये जानना जरूरी है कि हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में क्या अंतर है और कैसे अचानक कार्डियक अरेस्ट में सिर्फ 5 मिनट में मरीज की जान बचाई जा सकती है.
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में अंतर
दिल का दौरा तब पड़ता है जब कोरोनरी धमनियों में रुकावट पैदा हो जाती है. ऐसे में हार्ट की मांसपेशी तक खून नहीं पहुंच पाता है. हमारा दिल एक मांसपेशी है, इसलिए उसे काम करने के लिए ऑक्सीजन युक्त रक्त की जरूरत पड़ती है. अगर कोरोनरी धमनियों में रुकावट आ जाती है तो इससे हार्ट अटैक आता है. ऐसे में समय रहते कोरोनरी धमनियों को खोलने पर हार्ट अटैक वाले मरीज को बचाया जा सकता है. इसके लिए मरीज के पास 45 मिनट का समय होता है. वहीं कार्डियक अरेस्ट में अचानक से दिल का धड़कना बंद हो जाता है. इसमें मरीज के पास बचने के लिए सर्फ 5 मिनट का समय है. इसके बाद डॉक्टर्स भी मरीज को नहीं बचा सकते हैं.
कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
- अगर कोई अचानक से बेहोश हो रहा है तो समझो उसे कार्डियक अरेस्ट आया है.
- अगर व्यक्ति 20- 30 सेकेंड तक होश में न आए तो कार्डियक अरेस्ट हो सकता है.
- कार्डियक अरेस्ट में दिल की धड़क बढ़ कर 300-400 तक हो जाती हैं.
- ब्लड प्रेशर तेजी से कम होने लगता है.
- हार्ट के फंक्शनिंग में अनियमितता आ जाती है.
कार्डियक अरेस्ट आने पर सबसे पहले क्या करें
अगर किसी को कार्डियक अरेस्ट आया है तो अटैक आने के बाद के 5 मिनट सबसे अहम हैं. अगर आपके आसपास किसी को कार्डियक अरेस्ट आता है तो सबसे पहले एंबुलेंस को फोन करें. इसके बाद मरीज को तुरंत सीपीआर देना चाहिए. सीपीआर की मदद से आप मरीज की जान बचा सकते हैं.
सीपीआर कैसे दिया जाता है?
सीपीआर देने के लिए सबसे पहले मरीज की छाती पर 30 बार तेजी से दबाव डालें. इसके लिए अपने दोनों हाथों को एक साथ बांध लें और पीड़ित व्यक्ति की छाती के बीच में जोर-जोर से दबाते हुए मारें. आपको इतनी जोर से मारना है कि भले ही व्यक्ति की हड्डियां टूट जाएं, लेकिन आपको बहुत तेज गति से मारना है. छाती के बीच में जोर से मारते रहना है. छाती में मारते ये देखें कि छाती करीब 1 इंच अंदर की ओर जाए. आपको 1 मिनट में 100 बार छाती को जोर से दबाना है. हां ध्यान रखें कि कंप्रेशन के बीच छाती को पूरी तरह से ऊपर उठने दें. आपको ऐसा तब तक करना है जब तक मरीज हॉस्पिटल न पहुंच जाए.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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