Urinary tract infection: महिलाओं में यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन यानी UTI की समस्या आम बात है. इसमें महिलाओं को बहुत परेशानी होती है. पेट में तेज दर्द, टॉयलेट में जलन और इंफेक्शन से परेशानी होती है. यूटीआई होने पर बैक्टीरिया टॉयलेट के जरिए अंदर पहुंच जाते हैं और कई बार ये किडनी, ब्लैडर और इन्हें जोड़ने वाली नलिकाओं को भी प्रभावित करते हैं. अगर यूटीआई का सही समय पर इलाज नहीं किया जाए तो ये इंफेक्शन ब्लैडर से किडनी में फैल सकता है. इससे किडनी पर भी असर पड़ता है. आइये जानते हैं महिलाओं को क्यों बार-बार होता है यूटीआई इंफेक्शन. 


यूटीआई के लक्षण


यूटीआई होने पर ब्लैडर में इंफेक्शन हो जाता है. यूरिन टेस्ट से इसका पता लगता है. इसके अलावा ये यूटीआई होने पर ये लक्षण नज़र आते हैं.



  • पेशाब करने में जलन

  • बार-बार टॉयलेट लगना

  • पेट के निचले हिस्से में दर्द होना

  • टॉयलेट में दुर्गंध आना

  • पीठ के निचले हिस्से में तेज दर्द होना

  • बुखार आना

  • ठंड लगना 

  • उल्टी आना


क्यों बार-बार होता है यूटीआई?
1- ई-कोलाई बैक्टीरिया जब टॉयलेट के रास्ते से ब्लैडर तक पहुंच जाता है. तो ये इंफेक्शन होता है.
2- पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को यूटीआई की समस्या ज्यादा होती है.
3- पानी कम पीने की वजह से और कई बार नहाने से भी ये इंफेक्शन हो जाता है.
4- कुछ मामलों में देर तक टॉयलेट रोकने से या पब्लिक टॉयलेट इस्तेमाल करने से भी ऐसा होता है.
5- कुछ लोगों को किडनी में स्टोन होने पर भी इंफेक्शन हो जाता है.


क्या है यूटीआई का इलाज
यूटीआई होने पर एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है. यूटीआई होने पर डॉक्टर्स खूब सारा पानी पीने की सलाह देते हैं. लिक्विड के जरिए ब्लैडर से बैक्टीरिया बाहर निकल जाता है. कई बार मरीज की स्थिति ज्यादा गंभीर हो जाती है. डायबिटीज के मरीजों को यूटीआई का खतरा ज्यादा रहता है. इसके अलावा किडनी में स्टोन होने की वजह से भी यूटीआई हो सकता है. 


यूटीआई से कैसे करें बचाव?
1- यूटीआई होने से बचने के लिए खूब सारा पानी पिएं.
2- फिजिकल रिलेशन बनाने से पहले और बाद में टॉयलेट जरूर करें.
3- अपने प्राइवेट पार्ट्स को अच्छी तरह से क्लीन करें.
4- किसी भी तरह के हाइजीन स्प्रे का इस्तेमाल न करें.
5- नहाने में बाथ टब के इस्तेमाल कम करें.
6- टॉयलेट को ज्यादा देर तक नहीं रोकना चाहिए.
7- प्रेगनेंट महिलाओं को यूटीआई होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
8- बुजुर्ग और डायबिटीज के मरीजों को भी यूटीआई होने पर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.


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