चाणक्य नीति: आचार्य चाणक्य की शिक्षाओं को जो व्यक्ति अपने जीवन में उतार लेता है वह कभी असफल नहीं हो सकता है. चाणक्य एक योग्य शिक्षक होने के साथ साथ अच्छे सलाहकार और अर्थशास्त्र के प्रकांड विद्वान थे. उनकी शिक्षाएं व्यक्ति को जीवन में सफल बनाने के लिए प्रेरित करती है. आइए जानते हैं आज की चाणक्य नीति-


सम्मान खोकर धन मिल भी जाए तो उसका कोई मोल नहीं


धन कमाने के लिए कभी सम्मान नहीं खोना चाहिए. जो लोग धन के लिए अपना धर्म, मान और सम्मान भूल जाते हैं ऐसे लोगों की मुख के सामने और पीठ पीछे समाज में निंदा होती है. ऐसा करने वाला व्यक्ति स्वयं की नजरों में भी गिर जाता है. वह अपने बच्चों और पत्नी से भी नजरें नहीं मिला पाता है. सम्मान खोकर पूंजी जोड़ने वाले व्यक्ति का उदाहरण समाज में नकारात्मकता में दिया जाता है. धन और पूंजी वही स्थाई और सम्मानित होती है जो धर्म के रास्ते पर चलकर कमाई जाए.


दूसरों को अपनी पीढ़ा नहीं बतानी चाहिए


अपनी  पीढ़ा को कभी दूसरों के साथ साझा नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से दूसरों लोग आपका इस्तेमाल कर सकता हैं. आप दूसरों की नजरों में कमजोर साबित हो सकते हैं. भौतिक वादी युग में व्यक्ति अपने कामों में ही अधिक व्यस्त रहता है ऐसे में कभी कभी वह दूसरों की पीढ़ा को महसूस नहीं कर पाता है. तथा गलतफहमी भी हो सकती है कि सहानभूति प्राप्त करने के लिए ऐसा किया जा रहा है. इसलिए अपने दुखों और पीढ़ा को लेकर किसी दूसरे को नहीं बताना चाहिए. पीढ़ा सुनने के बाद लोग सांत्वना तो देगें लेकिन अपना एहसान भी जता जाएंगे.


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