नई दिल्लीः अगर आप ब्लू सुपरमून का दीदार अब तक नहीं कर पाए हैं तो आपके लिए 31 जनवरी को आखिरी मौका होगा. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक इस महीने के आखिर में एक बार फिर नीला चांद यानी सुपर ब्लू मून दिखेगा. इससे पहले तीन दिसंबर 2017 और एक जनवरी 2018 को काफी नजदीक से नीला चांद दिखा था और सुपरमून की झलक की इस तिकड़ी में शायद यह इस साल आखिरी मौका होगा. इसी मौके पर गुरूजी पवन सिन्हा बता रहे हैं ब्लू सुपरमून यानि चंदग्रहण के प्रभावों के बारे में.


चंद्रग्रहण दो प्रकार के होते हैं-
खंडग्रास चंद्रग्रहण यानि आंशिक चंदग्रहण और खग्रास यानि पूर्णचंद्रग्रहण.


कब होगा चंद्रग्रहण-
पूरे देश में पूर्णचंद्रग्रहण 31 जनवरी को दिखेगा. चंद्रोदय के समय चंद्रग्रहण शुरू हो जाएगा. चंद्रोदय के बाद दो घंटे तक चंद्रग्रहण रहेगा. चंद्रोदय के 12 घंटे पहले सूतक लग जाएगा. बीमार लोग और गर्भवती महिलाओं के लिए दोपहर 12 बजे के बाद सूतक शुरू होगा.


चंद्रग्रहण का नकारात्मक प्रभाव-
गुरूजी के मुताबिक, चंद्रग्रहण के दुष्प्रभाव से आग और दुर्घटनाएं समाज में परेशानी पैदा कर सकती हैं. लोगों और देशों के बीच मनमुटाव बढ़ सकता है. चंद्रग्रहण विश्व में अशांति पैदा कर सकता है. भारतीय समाज और सीमा पर भी अशांति पैदा हो सकती है. चंद्रग्रहण का प्रभाव मौसम और फसल दोनों पर पड़ सकता है. चंद्रग्रहण के चलते भूकंप की भी संभावना है.


चंद्रग्रहण का सकारात्मक प्रभाव-
गुरूजी के मुताबिक, चंद्रग्रहण से डरने की जरूरत नहीं है. चंद्रग्रहण के सकारात्मक प्रभाव के चलते हमारी तरक्की के भी आसार हैं. चंद्रग्रहण एक आकाशीय घटना है. सिद्धी और साधना के लिए चंद्रग्रहण का समय लाभ देने वाला है.


ये गुरूजी के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.