Child etiquette: बचपन में जरूर सिखाएं बच्चें को ये 5 बातें, बड़ा होकर करेगा आपका सम्मान
Tips To Teach your Child Etiquette: बचपन से ही बच्चों को कुछ जरूरी बातें बताई जाएं तो ये इनकी पर्सनैलिटी (Child personality) में गजब का विकास करती हैं. बड़ा होकर बच्चा पैरंट्स का अधिक सम्मान करता है.
How to teach manners to a child: बच्चे का व्यवहार, उठना-बैठना और बातचीत का लहजा (Way of talking) इस बात का परिचय अपने आप दे देता है कि उसकी परवरिश (Upbringing) कैसे घर में हुई है. माता-पिता के साथ ही घर के बड़ों से उसे कैसे संस्कार (Child Etiquette) मिले हैं. कम शब्दों में कहें तो बच्चा परिवार के माहौल का आइना होता है, जिसे देखकर हर कोई आपके परिवार के मानसिक स्तर (Child mental health) को आराम से समझ सकता है. इसीलिए बच्चे के अच्छे भविष्य (Child future) के साथ ही परिवार के मान-सम्मान के लिए भी बचपन से ही बच्चों को कुछ जरूरी बातें सिखानी चाहिए. ये बातें व्यवहार से जुड़ी हैं और बच्चे को विनम्र बनना सिखाती हैं.
1. हाथ जोड़कर नमस्ते करना
आजकल के बच्चे हेलो अंकल और हेलो आंटी बोलना सीख रहे हैं. इसमें कोई बुराई नहीं है लेकिन आपके बच्चों का नुकसान जरूर है और साथ ही नुकसान है इस देश की परंपराओं. देश की संस्कृति के नुकसान की चिंता आपको ना भी हो तो अपने बच्चे के नुकसान की चिंता ही कर लीजिए.
हाथ जोड़कर नमस्ते करने से बच्चों में आत्मविश्वास और विनम्रता की भावना विकसित होती है. साथ ही प्रणाम करने की यह विधि बच्चे की सेहत पर अच्छा प्रभाव डालती है. क्योंकि हमारे हाथों कि हथेलियां जब आपस में मिलती हैं तो एक्यूप्रेशर पॉइंट्स पर दबाव पड़ता है. ये पॉइंट्स स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और शरीर में एनर्जी के फ्लो को बढ़ाते हैं. यह अपने आप में एक व्यापक विज्ञान है इसलिए यहां चंद लाइनों में इसके सभी फायदे नहीं गिनाए जा सकते हैं.
2. पैर छूना
बड़ों के पैर छूकर आशीर्वाद लेना, बच्चों में बड़े के प्रति सम्मान के भाव को बढ़ाता है. यदि आप बच्चे में बचपन से ही ऐसा करने की आदत डलाते हैं तो बड़े होने के बाद वह आपके प्रति भी विनम्र (Polite) और कृतज्ञ (Thankful) बना रहेगा. यानी इस बात की आशंका काफी हद तक कम हो जाती है कि आपका बच्चा बुढ़ापे में आपको अनदेखा करेगा!
3. बड़ों से बहस ना करना
छोटी उम्र में ही बच्चे को यह बात जरूर सिखाई जानी चाहिए कि बड़ों से बहस नहीं की जाती. क्योंकि बड़े जो बात आपको कह रहे हैं, उसके व्यापक असर को भले ही आप ना देख पा रहे हों लेकिन बड़े उसे समझ रहे होते हैं. बच्चों में यह आदत उन्हें भगवान राम के चरित्र की कहानियां, श्रीकृष्ण की कहानियां और अनेक क्रांतिकारियों की कहानियां सुनाकर सिखाई जा सकती हैं.
4. पूजा-पाठ करना
आप जिस भी धर्म को मानते हैं, उसकी पूजा पद्धिति के अनुसार बच्चे को हर दिन ईश्वर को धन्यवाद कहना सिखाएं. जरूरी नहीं पूजा लंबी हो लेकिन हर दिन होनी चाहिए. इससे बच्चे के आत्मविश्वास और सुरक्षा के भाव में वृद्धि होती है. वह अपने कामों को, पढ़ाई को मन लगाकर कर पाता है. क्योंकि उसे पता होता है कि ईश्वर उसके साथ हैं.
5. फिजिकली ऐक्टिव रहना
इंटरनेट एडिक्शन, टीवी देखना, इंडोर गेम्स में व्यस्त रहना, जैसी कई आदतें बच्चों को शारीरिक रूप से कमजोर बना रही हैं. लेकिन इन हेबिट्स का इनडायरेक्ट असर बच्चों की मेंटल हेल्थ पर भी पड़ रहा है. इसलिए बच्चों को योग, स्किपिंग, मेडिटेशन, जॉगिंग जैसी ऐक्टिविटीज में जरूर व्यस्त रखें. इन्हें बहुत कम स्पेस में आराम से किया जा सकता है और बच्चा फिट भी रहेगा.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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