Childhood Obesity: मोटापा कई पुरानी स्थितियों का आम जोखिम कारक है. बचपन का मोटापा दूसरी गंभीर स्थिति है जजिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बचपन के मोटापा को 21वीं सदी का सबसे गंभीर स्वास्थ्य जन स्वास्थ्य चुनौती बताया है, जो दुनिया में हर देश को प्रभावित कर रहा है. मात्र 40 साल में मोटापे के साथ स्कूल की उम्र के बच्चे और किशोरों की संख्या में 10 गुना का इजाफा हुआ है. 40 साल पहले जहां मोटे बच्चों की संख्या 11 मिलियन थी, तो अब बढ़कर ये संख्या 124 मिलियन हो गई है.


अगर उसे अनियंत्रित छोड़ दिया जाए, तब बचपन का मोटापा बच्चे के शारीरिक, मानिसक और सामाजिक सेहत को नकारत्मक तरीके से प्रभावित कर सकता है. बचपन के मोटापा के खतरे की रोकथाम के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं. उससे कई बीमारियों को दूर करने में मदद मिल सकती है. अभिभावकों को बच्चे की डाइट, रोजाना की रूटीन, शारीरिक काम का लेवल, नींद का शेड्यूल और उससे ज्यादा स्वस्थ वजन को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त ध्यान चाहिए. अभिभावकों की सुविधा का ख्याल रखते हुए कुछ टिप्स बताए जा रहे हैं जिससे अपने बच्चे को ज्यादा वजन या मोटा होने से रक्षा कर सकेंगे,


बचपन के मोटापा को रोकने के लिए डाइट टिप्स
खानपान की अच्छी आदतों को प्रोत्साहित करें- घर पर स्वस्थ खाने की आदत को बनाए रखने की जिम्मेदारी पूरे परिवार पर है, जिससे उनके बच्चों को वजन बढ़ने और शुरुआती उम्र में कोलेस्ट्रोल ज्यादा होने का खतरा नो हो. ये उनकी उम्र बढ़न के साथ बीमारी का खतरा बढ़ा सकते हैं.


बच्चों को जंक फू़ड के इस्तेमाल से परहेज करें- बच्चों को अक्सर जंक फूड जैसे चिप्स, चॉकलेट, गैस युक्त ड्रिंक्स् और तला हुआ भोजन खाते देखा जा सकता है. ये सभी फूड ट्रांस फैट,ऑक्सीजन युक्त तेल से भरे होते हैं. जंक फूड खाने की आदत रखने वाले बच्चे अक्सर शुरुआती उम्र से गैस्ट्रिक की समस्या से पीड़ित होते हैं.


स्वस्थ फूड के विकल्पों को करें शामिल- तला और डिब्बाबंद भोजन की जगह पर स्वस्थ विकल्पों जैसे ताजा फ्रूट सलाद, नट्स, ग्रीक योगर्ट को रखें. इससे आपके मासूम के आंत की सेहत को सुधारने और स्वास्थ्य और मेटाबोलिज्म को बढ़ाने में मदद मिलेगी.


अपने बच्चे को प्रोत्साहित करें- डाइट में कई प्रकार के फूड शामिल होने चाहिए. बच्चे को उसकी प्लेट में मौजूद हर चीज खाने के बारे में बताया जाना चाहिए जिससे ज्यादा से ज्यादा स्वास्थ्य को फायदा मिल सके. बच्चे तक नियमित बुनियाद पर सभी फूड ग्रुप के सामग्री तक पहुंच होनी चाहिए.


बच्चे के लिए आदर्श प्रस्तुत करें- बच्चे को खिला रहे शख्स को किसी फूड के प्रति बच्चे के सामने नापसंद नहीं दिखाना चाहिए. अगर आप स्वस्थ खाने का आनंद नहीं लेंगे, तब बच्चे के भी सेहतमंद विकल्प को खारिज करने की ज्यादा संभावना होगी.


बच्चे को पेट भर से ज्यादा न खाने दें- बच्चे को निवाले का सामान्य आकार के बारे में बताएं. मां अक्सर बच्चे को पेट भर से ज्यादा खिलाने की कोशिश करती हैं. लेकिन ये गैर सेहतमंद अभ्यास हो सकता है और उससे वजन बढ़ सकता है.


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