कौन नहीं चाहता उसके बच्चे की बुद्धि मजबूत और उसकी स्मरण शक्ति बढ़े. वैज्ञानिकों ने बुद्धि और हरियाली के बीच दिलचस्प संबंध का खुलासा किया है. उनका कहना है कि हरियाली वाले इलाकों में रहने वाले बच्चों का आई क्यू लेवल ऊंचा होता है और उनके कड़े व्यवहार के लेवल में कमी आती है.
क्या है हरे-भरे माहौल का आई क्यू के बीच संबंध?
बेल्जियम की हेसिल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 600 बच्चों के आई क्यू लेवल का अध्ययन किया. फिर उनके आसपास की हरियाली जगह का मुआयना करने के लिए सैटेलाइज इमेज का इस्तेमाल किया. शोध के बाद उन्होंने बताया कि हरियाली में 3 फीसद की बढ़ोतरी से 2.6 प्वाइंट्स आई क्यू की व़द्धि हुई. उनके मुताबिक जो बच्चे जितने ज्यादा हरे भरे इलाके में रहते हैं उनका आई क्यू लेवल उतना ही ज्यादा होता है. शोधकर्ताओं ने ये भी बताया कि ज्यादा हरे भरे इलाके में रहनेवाले बच्चों का व्यवहार संबंधी समस्या लेवल कम पाया गया. इसका मतलब हुआ कि हरियाली वाले इलाकों में रहनेवाले बच्चे कम गुस्सैले और कम जिद्दी होते हैं. शोध में 10-15 साल की उम्र के बच्चों को शामिल गया था. ये पहली बार है जब हरे भरे इलाकों का आई क्यू को पहुंचनेवाले फायदे के तौर पर विचार किया गया है.
शोधकर्ताओं ने किया दिलचस्प खुलासा
आई क्यू प्वाइंट की वृद्धि हरे भरे माहौल में रहने के कारण होती है. हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि आई क्यू में वृद्धि हरे भरे माहौल के कारण क्यों होती है. उनका कहना है कि हो सकता है ये तनाव के कम स्तर के कारण हो. हरे भरे माहौल से बच्चों की बुद्धिमता पर न सिर्फ असर पड़ता है बल्कि उनका स्वभाव भी सुधरता है. उन्होंने शोध के दौरान पाया कि तीन फीसद की हरियाली बढ़ने से बच्चों के खराब रवैये की समस्या में कमी आई. इसलिए सलाह दी कि योजना बद्ध तरीके से बसाया गया शहर बच्चों के लिए 'अनुकूल माहौल' का अवसर प्रदान कर सकता है. शोधकर्ता टीम नवरोट ने बताया, "इस बात के बहुत ज्यादा सबूत हैं जिससे पता चलता है कि दिमागी क्रियाशीलता के साथ हरे भरे माहौल का संबंध है."
खुद को डिप्रेशन से रखना है दूर तो सामाजिक मेल-मिलाप है जरूरी, रिसर्च के हवाले से दावा
दिल्ली में कोविड-19 का डर कम होना, लोगों के कम जांच कराने का एक प्रमुख कारण- विशेषज्ञ