Children’s Day 2020: देश भर में 14 नवंबर को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का जन्म दिवस मनाया जाता है. बच्चों के बीच पंडित नेहरू 'चाचा नेहरू' के नाम से लोकप्रिय रहे हैं. बाल दिवस सभी बच्चों के लिए बाल अधिकार, बाल देखभाल और शिक्षा के प्रति जागरुकता पैदा करने का विशेष अवसर होता है.
बाल दिवस का इतिहास
दुनिया भर में बाल दिवस अलग-अलग मौकों पर मनाने का इतिहास है. लेकिन, भारत में इसका संबंध जवाहर लाल नेहरू के जन्म दिन से जुड़ गया है. वैसे तो बाल दिवस साल 1925 से मनाया जा रहा था, लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने 20 नवंबर 1954 को बाल दिवस की आधिकारिक घोषणा की. भारत में बाल दिवस मनाने की परंपरा 1964 में जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद शुरू हुई. उस वक्त सर्वसहमति से नेहरू के जन्म दिन पर बाल दिवस मनाने का फैसला लिया गया.
नेहरू के जन्म दिन से जुड़ा आयोजन
कहा जाता है कि नेहरू बच्चों की शिक्षा के जबरदस्त पैरोकार थे. उन्होंने आईआटी, आईआईएम, एनआईटी और एम्स जैसे संस्थानों के गठन में अग्रणी भूमिका निभाई. उन्हें देश के युवा मस्तिष्क पर हमेशा विश्वास था. उन्होंने उनके कल्याण और विकास पर जोर दिया. नेहरू के नजदीक, बच्चे समाज की ताकत की असली पूंजी थी. उन्होंने कहा था, "आज के बच्चे कल के भविष्य हैं. उनके पालन-पोषण से देश का भविष्य निर्धारित होगा." बाल दिवस के मौके पर बच्चों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में किया जाता है.
खास तरह के आयोजित होनेवाले मुकाबले में शिक्षक भी शरीक होते हैं. बाल दिवस के मौके पर बच्चे अपने प्रिय चाचा की तरह लिबास और गुलाब के फूल से सजा 'नेहरू' जैकेट पहनते हैं. इस साल, महामारी के चलते ज्यादातर आयोजन ऑनलाइन आयोजित होने की संभावना है. लेकिन इस मौके को हमें बच्चों के लिए यादगार बनाने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि नेहरू का भी सपना यही था कि बच्चे स्पेशल हैं.
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