Relationship Management: शादी के बाद एक लड़के के लिए सबसे बड़ा सवाल यही है कि मां और पत्नी में किसे चुनें? एक ओर उसकी मां है, जिसने उसे पाल-पोसकर बड़ा किया है. दूसरी औओर उसकी पत्नी है, जो उसे बहुत प्यार करती है और उसके लिए शादी कर अपना मायका और आराम की जिंदगी छोड़कर आई है. दो लोग एक  सोच की नहीं हो सकते, ऐसे में सास-बहू की सोच कई मुद्दों पर अलग हो सकती है. बस यही वो पल होता है, जिसमें अगर लड़का फंस जाए, तो उसे समझ ही नहीं आता कि अब वो क्या करे? क्योंकि वह अपनी जिंदगी की इन दोनों ही अहम इंसानों की भावनाओं को जरा सा भी हर्ट नहीं करना चाहता. तो आखिर ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए?


उन बातों से बनाएं दूरी 
सबसे अच्छा तरीका यही हो सकता है कि खुद को फंसने से कैसे बचाना है. मां और पत्नी के बीच अगर किसी तरह से आपसी मतभेद है आपको किसी के तरफ राय देने की जरूरत नहीं है. अगर आपसे दोनों की राय में से किसी एक को चूनने के लिए कहा जाए तो आप अपने कदम खींच सकते हैं. उन्हें कहें कि वे दोनों इस मामले की ज्यादा समझ रखती हैं और आपको यकीन है कि दोनों मिलकर बेहतर निर्णय पर पहुंच सकती हैं. 


किसी भी मुद्दे पर जल्दी राय न दें 
महिलाएं किसी भी मुद्दे को आसानी से छोड़ती नहीं हैं. ऐसे में हो सकता है कि आप भले ही पीछे हो जाएं, लेकिन वह आपको बार-बार आगे कर दें. अगर आपको मां व पत्नी ऐसी स्थिति में डाल देती हैं, जहां आपके पास एक विकल्प को चुनने के अलावा कोई चारा नहीं है, तो उनसे सोचने के लिए समय मांगें. इसके बाद आराम से दोनों के सामने अपनी बात रखें. आप उनसे कहें कि आपने इस बारे में यही सोचा है अब वे दोनों मिलकर फैसला कर सकती हैं कि क्या ज्यादा बेहतर विकल्प है. 


अलग-अलग बात करें
अगर आपको लगता है कि कोई ऐसी स्थिति है, जिसमें किसी एक का पीछे हो जाना घर की शांति बरकरार रख सकता है, तो बात करने से हिचकिचाएं ना. मां और पत्नी दोनों से अलग-अलग बात करें और उन्हें समझाने की कोशिश करें. दोनों को कभी भी एक दूसरे के सामने नहीं डाटें या फिर कोई एक तरफा फैसला सुनाएं. 


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