नई दिल्लीः पिछले कई दिनों से यूपी, हरियाणा और दिल्ली के कई क्षेत्रों में चोटीकांड की अफवाह है. जी हां, कई क्षेत्रों में महिलाओं की चोटी रहस्यमयी तरीके से काटी जा रही है. ये कोई नहीं जानता की आखिर चोटी कौन काट रहा है. लोग रूहानी ताकतें, किसी हैवान या ऊपरी हवा होने की बात तक कर रहे हैं. लोगों ने अंधविश्वास के चलते घरों के बाहर नींबू-मिर्ची से लेकर हल्दी, सिंदुर और मेहंदी के हाथ छापना शुरू कर दिया है. इस पर एबीपी न्यूज़ ने पूरी पड़ताल की और जाना आखिर क्या है मामला.
डीसीपी सुरेंद्र कुमार-
इस मामले पर साउथ वेस्ट के डीसीपी सुरेंद्र कुमार का कहना है कि बेशक कई मामलों में रहस्यमयी तरीकों से चोटी काटी जा रही है लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि भूत-प्रेत का कोई साया है. इस बात को आप बिल्कुल भूल जाइए. इसके लिए सीसीटी वी फुटेज चैक की जा रही है. एक फुटेज में तीन लड़के भी दिखाई दिए हैं. पुलिस का शक है कि दिल्ली के कंगनहेडी गांव में दहशत का ये जो खेल खेला जा रहा है उसके पीछे कोई गैंग भी हो सकता है.
मुख्य प्रवक्ता दीपेंद्र पाठक, दिल्ली पुलिस -
दिल्ली पुलिस के मुख्य प्रवक्ता दीपेंद्र पाठक का कहना है कि फिलहाल पीडि़त महिलाओं की काउंसलिंग करवाने की तैयारी कर रही है. डॉक्टर्स की टीम महिलाओं से बात करके घटना की पूरी जानकारी लेने में जुटी है. ताकि सही तरह से इंवेस्टिगेशन हो सके. दीपेंद्र पाठक का कहना है कि अफवाहों पर ध्यान ना दें. जल्द ही आरोपी पकड़ा जाएगा.
मनोचिकत्कों का कहना है कि जो लोग ऐसी घटनाओं को भूत-प्रेत या काले-जादू से जोड़कर देख रहे हैं वे इस वहम से जितनी जल्दी निकल जाएं उतना ही अच्छा है. क्योंकि हो सकता है ऐसी घटनाओं के पीछे बदमाशों के किसी गिरोह का हाथ हो जो किसी वजह से आतंक फैलाना चाहते हैं.
मनोचिकत्सनक दीपक रहेजा-
मनोचिकत्सनक दीपक रहेजा का कहना है कि ऐसी जो खबरें आ रही हैं कि कोई व्यक्ति चोटी काट रहा है. महिलाएं कह रही हैं कि उनको एक तरह से सिरदर्द हुआ और चक्कर आया. वे जब उठी तो उनके बाल कटे हुए थे. डॉ. दीपक कहते हैं कि या तो कोई गैंग दहशत फैलाने की कोशिश कर रहा है या फिर ये कोई मानसिक समस्या भी हो सकता है. ऐसी समस्या में व्यक्ति अनजाने में ही ऐसी हरकत कर बैठता है.
डॉ. दीपक कहते हैं कि ऐसी सब्कॉन्शियस स्टेज जहां व्यक्ति अवचेतन में जाकर शायद अपने बाल खुद ही काट ले. ऐसी स्थिति में वो उस सिचुएशन में होता है जिसे डिएसोसिएशन से कंपेयर किया जा सकता है. जहां व्यक्ति को इस बात का अहसास भी नहीं होता कि वो अपने बाल काट रहा है या अपने साथ क्या कर रहा है. जब वो मानसिक मूर्छा से बाहर आता है तो वो हल्ला करने लगता है कि मेरे बाल कट गए. ऐसे में आप ना तो डरे और ना ही किसी को डरने दे.
मनोचिकत्सडक डॉ. संदीप वोहरा -
वही मनोचिकत्सडक डॉ. संदीप वोहरा का कहना है कि लोग डरे हुए हैं इसलिए वे बेहोश हो रहे हैं. ये उनका मन का वहम है. ऐसा कुछ नहीं है, कोई भूत-प्रेत नहीं है.
एक केस जिसमें महिला के सिर के आगे के बाल गायब थे, के बारे में डॉ. ने कहा कि उस महिला को ट्रायकोटिलोमेनिया नामक इस बीमारी हो सकती है जिसमें मरीज टेंशन में आकर ना चाहते हुए भी अपने थोड़े-थोड़े बाल खींचता है. डॉ. कहते हैं कि ये अलोपेसिया अरीटा बीमारी भी हो सकती है जिसे स्पॉट बाल्डनेस (सर के कुछ हिस्सों में बालों का नहीं होना) भी कहते हैं. ये एक ऑटोइम्यून रोग हैं जिसमें सर के कुछ या संपूर्ण हिस्से से बाल झड़ जाते हैं. इसमें बाल ज्यादातर सिर की त्वचा से ही झड़ते हैं.
चोटीकांड के मामले में एबीपी न्यूज़ पर डॉ. संदीप वोहरा ने दावा किया है कि देशभर में चोटीकांड कहीं बीमारी की वजह से भ्रम है तो कहीं मन का वहम है. चोटीकांड की अफवाह परेशानी और तनाव की वजह से फैल रही है. कोई भूत नहीं है जो लोगों के बाल काट रहा है. हां, कुछेक मामलों में शरारती तत्वों ने बेशक इसका फायदा उठाया हो.
फिल्मों में भी हुआ है इस बीमारी पर काम-
कार्तिक कॉलिंग कार्तिंक और अंजाना-अंजानी जैसी कई फिल्मों में भी इसी तरह की बीमारी के बारे में बताया गया था.
कार्तिक कॉलिंग कार्तिंक में कार्तिक मानसिक रोग सिज़ोफ्रेनिया जिसे मनोविदालिता भी कहते हैं, का शिकार है. जिसमें कार्तिंक रोजाना नींद में खुद ही आवाज रिकॉर्ड कर उसे सुनता था और डरता था कि उसका मरा भाई उसे फोन करके धमकी देता है.
ठीक ऐसे ही अंजाना-अंजानी में प्रियंका चोपड़ा ब्रेकअप से डिस्टंर्ब होकर अपने बाल काट लेती है लेकिन अगले दिन उसे अहसास होता है उसने क्या किया.
अब तो आप समझ गए होंगे चोटी काटने का केस सिर्फ एक वहम है या फिर मनगढ़त कहानी हो सकता है या फिर शरारती तत्व इस कारनामे को अंजाम दे सकते हैं.एक्सपर्ट इस बात स्पष्ट रूप से बता चुके हैं कि चोटी काटने के पीछे भूत-प्रेत जैसी कोई चीज़ नहीं है बल्कि ये एक मनोदशा हो सकती है और पुलिस भी इसके लिए अगर कोई शरारती तत्व हैं उनकी तलाश कर रही है.