कोरोना संक्रमण के प्रभावों से संबंधित स्टडीज लगातार जारी है. ये बात भी साबित हो चुकी है कि कोविड-19 इंसान के फेफड़ों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है. ऐसे में फेफड़ों की देखभाल करना सबसे ज्यादा जरूरी हो गया है. वहीं जब हम फेफड़ों के स्वास्थ्य की बात करते हैं कि हम ब्रीदिंग एक्सरसाइज के बारे में बात करना नहीं भूल सकते हैं. इन दिनों सोशल मीडिया पर ब्रीदिंग आसन के लिए सलाह के तौर पर खासतौर पर प्राणायाम छाया हुआ है. कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि प्राणायाम वायरस को आपके सिस्टम से गायब कर  सकते हैं. चलिए जानते हैं क्या सच है.

पोश्चर में बदलाव करन से मिलती है मदद


डॉक्टरों के मुताबिक ब्रीदिंग एक्सरसाइज वास्तव में वायरस से लड़ने में मदद नहीं करती है, लेकिन अगर किसी व्यक्ति की लो ऑक्सीजन लेवल है तो पोश्चर में बदलाव काफी मददगार साबित हो सकता है. अगर कोई व्यक्ति पेट के बल लेटता है तो यह लंग्स में बहुत सा एक्स्ट्रा एरिया खोल देता है इससे सांस लेने में मदद मिलती है. बेहतर सांस लेने के लिए इसका अभ्यास करने का सबसे अच्छा तरीका बाएं पार्श्व स्थिति में लेटने के 2 घंटे, दाएं पार्श्व स्थिति में लेटने के 2 घंटे, प्रवण स्थिति में 2 घंटे और आपकी पीठ से 2 घंटे है.


श्वसन संबंधी कोविड पॉजिटिव मरीज को सलाह


ब्रीथिंग प्रोसेस को आसान बनाने के लिए इसे दिन में एक बार किया जा सकता है. जिन कोविड पॉजिटिव मरीजों को सांस लेने में कठिनाई होती हैं उन्हें डॉक्टर सलाह देते हैं कि, जब भी किसी व्यक्ति को लो ऑक्सीजन का अनुभव हो तो उन्हें उस समय भारी ब्रिथिंग एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए. जो लोग COVID पॉजिटिव हैं या अस्थमा जैसी श्वसन संबंधी बीमारियों के मरीज़ हैं उन्हें प्राणायाम जैसी एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए.


कोविड मरीज न करें फोर्सफुल प्रणायाम


सीधे तौर पर कहें तो ब्रिथिंग कंट्रोल प्रैक्टिस की सलाह फेफड़ों के स्वास्थ्य और क्षमता को बनाए रखने के लिए दी जाती है. लेकिन कोविड पॉजिटिव मरीजों को फोर्सफुल प्रणायाम करने की सलाह नहीं दी जाती है, ये मरीज कमरे में ही स्लो वॉक और अनुलोम विलोम कर सकते हैं.


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