वैज्ञानिकों का दावा, सीजनल फ्लू की तरह हो जाएगा कोरोना वायरस, गर्मियों के मौसम में भी खतरा
वैज्ञानिकों का कहना है कि हर्ड इम्युनिटी पाने से पहले कोरोना के कई दौर आ सकते हैं.क बार जब वैक्सीनेशन के जरिए हर्ड इम्युनिटी प्राप्त हो जाएगी तो कोरोना के संक्रमण दर में पर्याप्त गिरावट होगी.
पिछले दस महीने से पूरी दुनिया कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझ रही है. अब तक कोई भी देश कोरोना वायरस के वैक्सीन नहीं बना पाया है. अब कोरोना वायरस को लेकर नई जानकारी आई है. अगर एक बार कोरोना वायरस के खिलाफ हर्ड इम्युनिटी प्राप्त हो जाती है तो यह मौसमी बीमारी बना रह सकता है. हालांकि तब तक कोरोना वायरस का प्रसार होता रहेगा.
जर्नल फ्रंटियर्स इन पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित शोध के अनुसार, एक बार जब कोरोना वायरस के खिलाफ जब एक बड़ी जनसंख्या हर्ड इम्युनिटी प्राप्त कर लेगी तो वायरस का प्रसार कम हो जाएगा. साथ ही वायरस मौसमी उतार-चढ़ाव से भी प्रभावित होगा.
लेबनान के अमेरिकन यूनिवर्सिटी ऑफ बेरुत के वरिष्ठ लेखक हसन जरकट ने अपने अध्ययन में चेतावनी दी है कि कोरोना यहीं रहने वाला है और जब तक हर्ड इम्युनिटी विकसित नहीं हो जाती है, यह साल दर साल जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि इसलिए जनता को कोरोना के साथ रहना सीखना होगा. इसके अलावा मास्कर पहनना, बार-बार हाथ धोना और समारोहों में जाने से बचना होगा जो सबसे अच्छे रोकथाम हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि हर्ड इम्युनिटी पाने से पहले कोरोना के कई दौर आ सकते हैं.
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पहले के शोध का हवाला देते हुए हसन जरकट ने कहा कि कोरोना वायरस के समान अन्य सांसों के जरिए वायरस गर्म क्षेत्रों में एक पैटर्न का पालन करते हैं. उन्होंने कहा कि इन्फ्लूएंजा सामान्य सर्दी में होने वाली बीमारी है लेकिन उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में यह साल भर होने वाली बीमारी है. वैज्ञानिकों ने नोट किया है कि सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण की दर खाड़ी देशों में दर्ज की गई है जहां मौसम ज्यादा गर्म रहता है.
शोध में उन्होंने बताया कि तापमान और आद्रता में बदलाव की वजह से हवा और सतह में वायरस अलग तरह से व्यवहार करता है. हालांकि फ्लू की तुलना में कोरोना वायरस के संक्रमण की दर उच्च है. उन्होंने कहा कि इसलिए फ्लू और सांसों के जरिए फैलने वाले अन्य वायरस के विपरीत कोरोना वायरस की मौसमी क्षमता को नियंत्रित करने वाले कारक अभी तक गर्मियों के महीनों में कोविड-19 के प्रसार को रोक नहीं सकते हैं. हालांकि, एक बार जब वैक्सीनेशन के जरिए हर्ड इम्युनिटी प्राप्त हो जाएगी तो कोरोना के संक्रमण दर में पर्याप्त गिरावट होगी.
हसन जरकट ने कहा कि हमारी भविष्यवाणियां सत्य हैं या नहीं यह भविष्य में देखा जा सकता है. हालांकि मुझे लगता है कि अन्य वायरस की तरह कोविड-19 अंत में मौसमी हो जाएगा.
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