कोरोना वायरस के इलाज से संबंधित कुछ मशविरें सोशल मीडिया पर इन दिनों तेजी से वायरल हो रहे हैं. दावा किया जा रहा है इसे अपनाकर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है. ऐसे में इस तरह के फर्जी और भ्रामक पोस्ट के बारे में जानना आपकी सेहत के लिए जरूरी है.
क्या कोरोना से लड़ने में लहसुन है मददगार ?
सोशल मीडिया पर लहसुन के बारे में बताया जा रहा है कि ये कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने में मददगार है. मगर विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि इस दावे का कोई सबूत नहीं है. हां ये बात सही है कि लहसुन सेहत के लिए लाभदायक जरूर है. इसी तरह क्लोरीन डॉयऑक्साइड पीने पर भी अमेरिका के फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन ने पिछले साल चेताया था. क्लोरीन डॉयऑक्साइड पीने के बाद उल्टी, हैजा और शरीर में पानी की कमी के लक्षण जाहिर हो सकते हैं. विभाग का कहना है कि शोध के दौरान इस बात की पुष्टि नहीं हुई जिससे ये साबित हो कि ये कोरोना वायरस से लड़ सकता है. घर में तैयार हैंड सैनेटाइजर पर भी वैज्ञानिकों का मानना है कि शरीर की त्वचा के लिए ये बहुत ज्यादा उपयोगी नहीं हैं.
फल, सब्जियां या पानी कितने हैं उपयोगी ?
जहां तक फल, सब्जियों की बात है तो आम दिनों में स्वास्थ्य के लिए लाभदायक तो हैं मगर कोरोना वायरस के दौर में नहीं. वैज्ञानिकों के मुताबिक फल, सब्जियां खाना, काफी मात्रा में पानी पीना या किसी तरह का विशेष पदार्थ का सेवन कुछ अन्य वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता तो है मगर कोरोना वायरस से लड़ाई में ये मददगार नहीं है. क्लोलाइड सिल्वर के बारे में भी अमेरिका के स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि ये कोरोना वायरस से बचाव में मददगार नहीं है. बजाए फायदा पहुंचने के इससे गुर्दों और त्वचा को नुकसान पहुंचने की आशंका रहती है.
गर्मी से क्या है कोरोना वायरस का संबंध ?
वैश्विक महामारी से बचने के लिए हर 15 मिनट पर पानी पीने की सलाह के बारे में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ट्रोडी लांग कहतै हैं कि ये भ्रामक है. इस बात के सबूत नहीं मिले हैं कि पानी पीने के बाद मुंह से कोरोना वायरस पेट में जाए और उसे खत्म कर दे. कोरोना वायरस का संक्रमण शरीर में उस वक्त होता है जब आप सांस लेते हैं. गरम पानी पीकर या उससे नहाकर या सूरज के सामने रहकर कोरोना वायरस के मरने पर यूनिसेफ ने इस तरह की भ्रामक खबरों का खंडन किया है. उसका कहना है कि फ्लू का वायरस गरम मौसम में शरीर के बाहर जीवित नहीं रह सकता मगर एक बार शरीर में दाखिल हो जाने पर ऐसा कोई उपाय नहीं जिससे उसे खत्म किया जा सके. हां ये बात सही है कि शरीर में उसके दाखिल होने पर प्रतिरोधक क्षमता बचाव में सक्रिय हो जाती है और आखिरकार उसका खात्मा कर देती है. ये बात भी सही है कि 60 डिग्री सेंटीग्रेड पर गरम पानी से बिस्तर की चादरें या तौलिये धोने से उसमें मौजूद वायरस खत्म हो जाते हैं. मगर मानव शरीर की त्वचा पर ऐसा नुस्खा आजमाना सही विचार नहीं है. गरम पानी से नहाकर या गरम पेय पदार्थ पीकर शरीर के तापमान को बदला नहीं जा सकता.