कितना सुरक्षित है रेस्टोरेंट या होटल में खाना ? जाने से पहले इन बातों का रखें ख्याल वर्ना हो जाएगा कोविड का खतरा
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि करीब 40-50 फीसद कोविड-19 के मरीज स्वभाव में बिना लक्षण वाले होते हैं. रिसर्च से पता चला है कि सार्वजनकि जगह या रेस्टोरेंट में खाना हवाई यात्रा या किराना दुकान से ज्यादा खतरनाक है.
Coronavirus: महीनों लॉकडाउन के बाद लोगों ने बाहर निकलना शुरू कर दिया है. रेस्टोरेंट, कैफे और सार्वजनिक जगहें एक नए अंदाज में दिखाई दे रही हैं. ग्राहकों की जरूरत और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रेस्टोरेंट ने इम्यूनिटी बढ़ानेवाला मेन्यू ज्यादा कर दिया है. लेकिन, अभी भी चिंता बरकरार है. किसी हद तक बाहर खाने पर संदेह बना हुआ है कि अगली टेबल पर किसी के खांसने से क्या होगा? कैसे आप आश्वस्त हो सकते हैं कि टेबल पर मेन्यू को पूरी तरह सैनेटाइज किया गया है? या फूड कितना सुरक्षित है जिसे आप खाने जा रहे हैं?
रिसर्च से पता चला है कि सार्वजनकि जगह या रेस्टोरेंट में खाना हवाई यात्रा या किराना दुकान से ज्यादा खतरनाक है. चाहे मास्क, सैनेटाइजर, सफाई या सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन किया जाता हो या नहीं. जिन जगहों पर कोरोना वायरस संक्रमण के मामले फिर बढ़ गए हैं, वहां इंडोर और आउटडोर खाने को कम कर दिया गया है.
अभी हाल की घटना से पता चला है कि आआईटी कैंपस के एक ही मेस से खाने के बाद कोरोना वायरस की जांच में 180 छात्र पॉजिटिव पाए गए. रेस्टोरेंट में खाना अभी भी एक प्रमुख खतरा बना हुआ है. इसलिए, अहम सवाल है कि बाहर खाना कितना सुरक्षित है? अगर आपके आसपास खाना परोसनेवाला स्टाफ या वेटर मास्क पहननता है या ठीक ढंग से चेहरा ढके हुए है, तो फिर भी खतरे की वजह आपके पास बैठा शख्स हो सकता है. चाहे छह फीट की दूरी ही क्यों नहीं बहाल रखी गई हो.
अन्य सामाजिक गतिविधि जैसे यात्रा या खरीदारी की तरह, खाने के लिए बाहर निकलते वक्त मास्क की जरूरत है. मास्क नहीं पहनने का मतलब है कि सांस की बूंदों के संक्रमण से आपको ज्यादा जोखिम हो सकता है.
एसिम्पटोमैटिक संक्रमण को जिम्मदेरा ठहराया जाए?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि करीब 40-50 फीसद कोविड-19 के मरीज स्वभाव में बिना लक्षण वाले होते हैं. जाहिर में बिना लक्षण वाला शख्स फिट नजर आता है, मगर वायरस का आप तक ट्रांसमिशन कर सकता है. यहां तक कि थोड़ा जोर से बोलने पर भी अन्य लोगों में वायरस फैल सकता है. दूसरा बड़ा कारण एक रेस्टोरेंट के अंदर विचार करने का वेंटिलेशन है. खराब वेंटिलेशन और वायु प्रवाह बंद जगह जैसे फैके या होटल में भीड़भाड़ या सोशल डिस्टेंसिंग की कमी से ज्यादा जोखिम भरा हो सकता है.
वॉशरूम, बाथरूम का इस्तेमाल करते वक्त रहें चौकन्ना
रेस्टोरेंट के बाथरूम और वॉशरूम में जाने से बचना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि कोरोना वायरस के निशान और एयरोसोल ट्रांसमिशन के खतरे उन जगहों पर पाए गए हैं. अगर जाने की जरूरत भी पड़े तो मास्क का इस्तेमाल करें और हाथों की अच्छी तरह सफाई पर ध्यान दें. इन सबके बावजूद रेस्टोरेंट में खाने पर आप खुद को रोक नहीं कर पा रहे हैं, तो कुछ सावधानी बरत सकते हैं.
रेस्टोरेंट या होटल जाते वक्त जरूर बरतें सावधानी
बार-बार इस्तेमाल किए गए सामान या मेन्यू को न छुएं.
दूसरे लोगों के साथ संपर्क में रहते वक्त मास्क पहनें.
खाने से पहले और बाद में हाथ को अच्छे सैनेटाइजर से धोएं.
रेस्टोरेंट जाने का ऐसा समय चुनें जब भीड़भाड़ न रहती हो.
खाना खाने के बाद ज्यादा देर तक रेस्टोरेंट या होटल में न ठहरें.
टेबल, मेन्यू और सीट के पूरी तरह सैनेटाइज पर निश्चित हों.
संपर्क कम करने के लिए कंटैक्टलेस मेन्यू या पेमेंट का इस्तेमाल करें.
आखिर में, अगर आपको किसी तरह की बेचैनी या असुविधा हो रही हो, तो फौरन जगह को छोड़ दें. आपका दिमागी सकून और सुविधा का नंबर सबसे पहले आता है.
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