Coronavirus संक्रमण को रोकने में मददगार हो सकता है गुनगुने पानी से गरारे करना: रिपोर्ट
नाक और गले के माध्यम से प्रवेश करने वाले वायरल की रोकथाम में गरारे और जल नेती से मदद मिलती है. विशेषज्ञ की देखरेख में नेजल वाश का सही तरीका सिखाने पर भी जोर दिया है.
जयपुर: हाइपरटोनिक सेलिन वाले गुनगुने पानी के गरारे और जल नेती (नेजल वॉश) नियमित रूप से किया जाए तो यह कोरोना वायरस जैसे संक्रमण से लड़ने में मददगार हो सकता है. एक रिपोर्ट के अनुसार इससे कोरोना वायरस सीओवी.2 का संक्रमण जो इंसान के मुंह और गले से होते हुए फेफड़ों तक पहुंचता है उस पर काबू पाने में मदद मिल सकती है.
अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिका 'लंग इंडिया' ने अपने ताजा अंक में मंगलवार को प्रकाशित शोध पत्र में कहा है कि नियमित रूप से हाइपरटोनिक सेलिन वाले गुनगुने पानी के गरारे और जल नेती करने से कोरोना वायरस जैसे संक्रमण को मुंह और गले से होते हुए फेफड़ों तक पहुंचने से रोक जा सकता है. यह इसमें मददगार साबित हो सकता है.
इस अनुसंधान की प्रमुख वैज्ञानिक और सवाईमानसिंह चिकित्सालय की श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ शीतू सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि इस अध्ययन में सर्दी खांसी और बुखार के रूप में प्रकट होने वाले अपर रेसपीरेटरी वायरल संक्रमण की रोकथाम में गरारे और जल नेती के बारे में वैज्ञानिक प्रमाण का मूल्यांकन किया गया है.
उन्होंने बताया कि इस प्रकार की चिकित्सा में कोरोना वायरस संक्रमण जैसी बीमारियों की रोकथाम में एक और थेरेपी की संभावना है. उन्होंने विशेषज्ञ की देखरेख में नेजल वाश का सही तरीका सिखाने पर भी जोर दिया है.
उन्होंने बताया कि उनकी इस शोध के निष्कर्ष से पता चला है कि नाक और गले के माध्यम से प्रवेश करने वाले वायरल की रोकथाम में गरारे और जल नेती से मदद मिलती है. जिस तरह हाथा धोने से हाथ संक्रमण रहित होते है उसी तरह गरारे और नेजल वॉश से नाक और गले की धुलाई से वायरस संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है.
उन्होंने बताया कि नियमित गरारे और नेजल वाश दिनभर काम करने के बाद कोविड 19 रोग की रोकथाम में भी उपयोगी हो सकते है. रिपोर्ट के सह लेखक और जाने माने श्वसन रोग विशेषज्ञ डॉ विरेन्द्र सिंह ने बताया कि इस तरह की प्रेक्टिस से लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती है.
उन्होंने बताया कि जापान में फेस मास्क और हाथ धोने को इंन्फ्लूएंजा नियंत्रण के राष्ट्रीय दिशा निर्देश की निवारक चिकित्सा में भी शामिल किया गया तथा इसी तर्ज पर गरारे और नेजल वाश इस संक्रमण महामारी में व्यक्तिगत पंसद के अनुसार भारत में भी प्रयोग किया जा सकता है.
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