Coronavirus की चेपट में आया शख्स क्या दूसरी बार भी हो सकता है संक्रमित? रिसर्च में बड़ा दावा
हांगकांग में एक बार कोरोना की चपेट में आया शख्स दोबारा संक्रमित हो गया. शोधकर्ताओं ने बताया कि दूसरी बार संक्रमण का मामला टेस्टिंग से पता चला.
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क्या कोरोना वायरस दूसरी बार भी अपनी चपेट में ले सकता है? हांगकांग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने सनसनीखेज दावा किया है. उन्होंने कहा है कि दोबारा संक्रमण का पहला सबूत मिला है. 33 वर्षीय शख्स मध्य अगस्त में स्पेन की यात्रा से हांगकांग लौटा था. इस दौरान जेनेटिक टेस्ट से कोरोना वायरस के अलग स्ट्रेन का खुलासा हुआ.
क्या कोरोना वायरस शिकार बना सकता है?
मार्च में पहली बार उसके कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी. पॉजिटिव होने पर उसके अंदर कोरोना के मामूली लक्षण नजर आए. जबकि दूसरी बार कोरोना वायरस की चपेट में आने पर कोई लक्षण जाहिर नहीं हुआ. हांगकांग एयरपोर्ट पर की जानेवाली स्क्रीनिंग और टेस्टिंग के दौरान दूसरी बार संक्रमण का पता चला. शोधकर्ता डॉक्टर केल्विन काई-वान्ग टो ने कहा, "ऐसा लगता है कि पहले से कोरोना संक्रमित होने पर वायरस के खिलाफ कुछ लोगों में ज्यादा समय तक इम्युनिटी नहीं रहती है. हमें नहीं पता है कितने लोग कोरोना से दोबारा संक्रमित हो सकते हैं."
शोध को क्लीनिकल महामारी रोग पत्रिका की तरफ से स्वीकार कर लिया गया है. हालांकि अभी उसका प्रकाशन नहीं हुआ है. कुछ स्वतंत्र विशेषज्ञों ने मुकम्मल नतीजे आने तक सावधानी बरतने की सलाह दी है. उनका कहना है कि अभी ये शोध का विषय है कि कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके लोगों में वायरस के प्रति सुरक्षा कितनी और कब तक रहती है. आपको बता दें कि एक बार कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने पर शरीर में इम्युनिटी विकसित हो जाती है. वायरस के दोबारा हमला करने पर इम्युनिटी शरीर की रक्षा के लिए सक्रिय हो जाती है.
शोध में किया गया सनसनीखेज दावा
अमेरिका में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के पूर्व प्रमुख वैज्ञानिक डॉक्टर जेसे गुडमैन ने कहा, "हमें दोबारा संक्रमण की आशंका के बारे में पता है. दोबारा संक्रमण होने पर बची हुई इम्युनिटी की संभावना होती है. अगर इम्युनिटी प्राकृतिक संक्रमण से कम होती है तो ये वैक्सीन निर्माण के लिए चुनौती हो सकती है." वर्जीनिया में गैर लाभकारी संस्था CRDF ग्लोबल की माइक्रोबॉयोलोजिस्ट जूलिया फिशर कहती हैं, "शोध के अध्ययन से दोबारा संक्रमित होने का ठोस सबूत मिलता है. मगर असल सवाल बीमारी के जोखिम के लिए है. अगर एक बार संक्रमण का शिकार हो चुके लोग दोबारा संक्रमित होते हैं तो अन्य लोगों को भी संक्रमित कर सकते हैं."
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