वैज्ञानिकों का कहना है कि कुत्तों में कैंसर का इलाज करनेवाली एक दवा का इस्तेमाल संभावित तौर पर कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में किया जा सकता है. 2 ब्रिटिश पाउंड की कीमत वाली दवा ने लैब रिसर्च में प्रभावशाली नतीजे दिखाए हैं. दावा है कि उसने कोशिकाओं में वायरस को फैलने से रोकने में मदद की. मैसिटिनिब का इस्तेमाल कुत्तों पर एक दशक से ज्यादा किया जा रहा है, लेकिन इंसानों के लिए अभी तक मंजूर नहीं मिली है.


कुत्तों में कैंसर का इलाज करनेवाली दवा कोविड के खिलाफ कारगर?


वैज्ञानिकों का पहले से मानना रहा है कि स्किन का कैंसर, अल्जाइमर, अस्थमा और मल्टीपल स्क्लेरोसिस का इलाज करने में दवा की क्षमता हो सकती है. लेकिन अब शिकागो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं को लगता है कि कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में उम्मीद भी दे सकती है. लैब के परीक्षण में पाया गया कि उसने वायरस को नकल बनाने से रोक दिया. रिसर्च से पता चला कि दवा ने वेरिएन्ट्स और दूसरे समान वायरसों के खिलाफ ठीक वैसा ही काम किया, जो इंसानों को बीमार करने के लिए काफी होते हैं. दवा के असर की जांच के लिए चूहों पर परीक्षण किए गए थे. वैज्ञानिकों की टीम अब मानव परीक्षण करने का मंसूबा बना रही है, इस उम्मीद में कि ये काम करेगी.


2 ब्रिटिश पाउंड वाली दवा ने लैब रिसर्च में असरदार नतीजे दिखाए


शोधकर्ताओं का कहना है कि दवा कोविड-19 मरीजों के संभावित इलाज का नया तरीका हो सकता है, विशेषकर बीमारी के शुरुआती चरणों में. उनका मानना है कि कोविड-19 बहुत वर्षों तक रहने की संभावना है, और कोरोना वायरस का बढ़ना जारी रहेगा. एंटी वायरल गुणों वाली मौजूदा दवाओं की खोज इन बीमारियों के इलाज का अनिवार्य हिस्सा हो सकती है. डॉक्टर नीर ड्रेमेन ने कहा, "मैसिटिनिब में अब प्रभावी एंटीवायरल होने की क्षमता है, विशेषकर जब कोई पहली बार संक्रमित होता है, और दवा के एंटीवायरल गुणों का सबसे बड़ा प्रभाव होगा." उन्होंने बताया कि ये पहला कोरोना वायरस का प्रकोप नहीं है और न ही अंतिम होने जा रहा है.


रिसर्च का दावा- कोविड के कारण इलाजरत हर 2 मरीजों में से 1 को लंबे समय तक होती है स्वास्थ्य से जुड़ी दिक्कतें


रिसर्च से खुलासा- भारत में एक हजार की आबादी पर इन बीमारियों से 116 लोग हैं पीड़ित


वैक्सीन के अलावा, लोगों की मदद के लिए नए उपचार उपलब्ध कराने की आवश्यकता है जो संक्रमित हो गए हैं. वैज्ञानिकों ने बताया कि दवा ने केंट 'अल्फा', दक्षिण अफ्रीकी 'बीटा', और ब्राजील 'गामा', वेरिएन्ट्स पर  समान रूप से अच्छा असर दिखाया. उनके मुताबिक ये हेपेटाइटिस ए, पोलियो और सामान्य जुकाम का कारण बननवाले वायरसों समेत विभिन्न प्रकार के कोरोना वायरस और पिकोर्नावायरस के खिलाफ भी प्रभावी हो सकती है. प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक, परीक्षण के दौरान मैसिटिनिब सबसे शक्तिशाली पाई गई. डॉक्टर ड्रेमेन ने कहा, "उससे हमें मजबूत संकेत मिला कि ये दवा कैसे काम करती है, और हम आश्वस्त हो गए हैं कि इंसानों में असर करने की संभावना है."