हल्दी दुनिया के कई मुल्कों में बड़े पैमाने पर खाना बनाने में इस्तेमाल की जाती रही है. अब आधुनिक विज्ञान में मसाले को दवा के तौर पर गंभीरता से विचार करना शुरू कर दिया गया है. वैज्ञानिकों ने शोध में बताया है कि हल्दी जोड़ों के दर्द और सूजन के मरीजों को दवा दवा का काम करती है.


हल्दी गठिया के रोगियों को देती है फायदा


ऑस्ट्रेलिया की तस्मानिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षण वाले और जोड़ों के दर्द के 70 मरीजों पर परीक्षण किया. उन्होंने 70 मरीजों को तीन ग्रुप में बांटते हुए एक ग्रुप को हल्दी, दूसरे ग्रुप को हल्दी का रस और तीसरे ग्रुप को प्लेसेबो दिया.


12 हफ्तों तक चले परीक्षण के बाद पता चला कि जिन लोगों को हल्दी का रस दिया जा रहा था उन्हें जोड़ों की तकलीफ से काफी फायदा पहुंचा. दूसरे नंबर पर जिन मरीजों को हल्दी दी जाती रही उनकी तकलीफ कम हुई जबकि तीसरे ग्रुप पर प्लेसेबो का कोई असर नहीं हुआ. वैज्ञानिकों ने बताया कि ये दर्द से निजात दिलाने के लिए दर्द निवारक गोली की हैसियत रखती है. लंबे समय तक इसके इस्तेमाल से तकलीफ को दूर किया जा सकता है.


ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने किया दावा


गौरतलब है कि हाल के वर्षों में हल्दी को फेफड़ों की बीमारी, दिल की बीमारी और डिप्रेशन के इलाज में भी आजमाया जा चुका है. जिसके नतीजे बेहतर सामने आए हैं. शोधकर्ताओं ने कहा कि गठिया का प्रभावी इलाज नहीं है और दर्द निवारक दवा मुश्किल से काम करती है. उन्होंने अपने नतीजे को गंभीरता से लिए जाने की वकालत की है. साथ ही ये भी कहा है कि बड़े पैमाने पर परीक्षण कर उनके शोध का मुआयना किया जाना चाहिए.


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