कोरोना वायरस से फैलनेवाली महामारी के बीच मोटापे के जोखिम पर निगाह रखना जरूरी है. कोविड-19 संक्रमण के चलते अप्रत्याशित पाबंदियों ने संक्रमण के फैलाव को कम करने की खातिर लोगों को घर पर ज्यादा रहने के लिए प्रेरित किया है.


योग विशेषज्ञ डॉक्टर अंजली शर्मा कहती हैं, "घर से काम करने का विकल्प, सुस्त जीवन शैली, अनियंत्रित खाना और कम शारीरिक गतिविधि कुछ ऐसे फैक्टर हैं जो प्रत्यक्ष रूप से मोटापे को प्रभावित कर रहे हैं." उन्होंने समझाया कि मोटापा न सिर्फ किसी के शरीर पर फैट की अत्यधिक मात्रा है बल्कि ये संपूर्ण जीवन शैली पैटर्न का प्रतिबिंब है.


बुनियादी तौर पर, शरीर में अत्यधिक फैट कोलेस्ट्रोल लेवल को बढ़ाती है. जिससे दिल तक रक्त की आपूर्ति प्रभावित होती है और इसके नतीजे में दिल की बीमारियों का खतरा रहता है. अत्यधिक वजन धमनियों पर अतिरिक्त दबाव डालता है जिससे ब्लड प्रेशर की समस्या, डायबिटीज और स्ट्रोक हो सकता है. इसलिए आपको महामारी के बीच मोटापा को काबू करने के बारे में जरूर जानना चाहिए.


महामारी का तनाव और अत्यधिक खाना
अनियंत्रित खाने का संबंध तनाव के उच्च लेवल से है जिसका सीधा नतीजा मोटापा होता है. आर्थिक संकट, पारिवारिक समस्याएं, अनिश्चित भविष्य, नौकरी जाने का तनाव, दूसरे दबावों के बीच अस्थिरता का खौफ, ज्यादा खाना बहुत लोगों की समस्या हो गई है. इससे हाइपरटेंशन, डायबिटीज हो सकता है और आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है. घर पर तैयार ज्यादा सेहतमंद विकल्पों से आपको अधिक समय तक संतुष्टि मिल सकती है.


भोजन की आदतों को बदला जाए
'फैट कम' करने के विचार से पहले जरूर समझना चाहिए कि फैट की आवश्यकता दिमाग के विकास खासकर बच्चों को होती है. फैट की महत्वपूर्ण भूमिका मांसपेशियों को बनाने, जोड़ की गति और अन्य दूसरे कार्यों में है. अच्छा फैट और बुरा फैट को समझना जरूरी है. आहार सेवन के साथ निबटने का बेहतर तरीका संतुलित डाइट का लेना है जिसमें उच्च पोषक मूल्य, उच्च फाइबर, अच्छा फैट और ज्यादा तरल हो.

शारीरिक गतिविधियां
अपने रूटीन में बहुत ज्यादा शारीरिक गतिविधि को शामिल करें. सूर्य नमस्कार, योगासन्न, प्राणायम, स्टेशनरी साइकलिंग और स्टेशनरी जॉगिंग कुछ ऐसे विकल्प हैं जिसे आप घर पर रहते आसानी से कर सकते हैं.


स्वास्थ्य का चेक-अप
जरूरी है कि हर छह महीने पर ब्लड टेस्ट कराया जाए और पूरे शरीर का चेक-अप हर साल हो. इससे किसी संभावित होनेवाले जोखिम जैसे कोलेस्ट्रोल लेवल का बढ़ना, ब्लड शुगर लेवल पर निगाह रखने में बड़ी मदद मिलेगी.


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