Covid-19 Treatment: MSN लैबरोटरीज प्राइवेट लिमिटेड ने कोविड-19 के इलाज में 'मोलनुपीरवीर' कैप्सूल का मानव परीक्षण शुरू करने की घोषणा की है. मंगलवार को कंपनी ने कहा कि उसे 19 मई को मानव परीक्षण की मंजूरी ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से मिल गई है जिसके बाद कोविड-19 के हल्के से मध्यम मरीजों पर मोलनुपीरवीर कैप्सूल का असर और सुरक्षा की जांच के लिए रिसर्च किया जाएगा.
'मोलनुपीरवीर' कैप्सूल का अंतिम मानव परीक्षण शुरू
तीसरे चरण चरण का मानव परीक्षण देश भर में 40 जगहों पर किया जाएगा और पहला डोज जल्द दिए जाने की उम्मीद है. उसने ये भी बताया कि मानव परीक्षण में कोविड-19 के हल्के से मध्यम लक्षण वाले अस्पताल से बाहर 2,400 से ज्यादा वॉलेंटियर शामिल होंगे. मोलनुपीरवीर एक प्रायोगिक दवा है और उसमें एंटीवायरल के गुण हैं जिसका वर्तमान में कोविड-19 के लिए वैश्विक सतह पर रिसर्च किया जा रहा है.
कोविड के हल्के, मध्यम लक्षणों पर क्या होगा प्रभाव?
शुरुआत में दवा को अमेरिका की Ridgeback Biotherapeutics ने विकसित किया था, बाद में उसने आगे विकास के लिए Merck & Co के साथ साझेदारी की. MSN कंपनी ने कहा कि उसकी अनुसंधान और विकास टीम ने API और Formulation दोनों को विकसित किया है. उम्मीद है कि सफल मानव परीक्षण के बाद नियामक मंजूरी मिल जाएगी और दवा जल्द बाजार में उपलब्ध हो सकेगी.
Natco फार्मा और Hetero लैब्स के बाद MSN तीसरे चरण का मानव परीक्षण शुरू करनेवाली भारत में तीसरी कंपनी है. Natco फार्मा और Hetero लैब्स का मानव परीक्षण जारी है. कंपनी ने हाल ही में दवा कंपनी एली लिली के साथ रूमटाईड आर्थराइटिस की दवा बारिसिटिनिब के निर्माण और बिक्री के लिए समझौता किया है, जिसका कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल किया जा रहा है और रेमडेसिविर के साथ दिए जाने को मान्यता मिली है.
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