नई दिल्ली: भारत के दवा नियामक डीसीजीआई ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड के इस्तेमाल की अवधि उसके निर्माण की तारीख से छह महीने बढ़ाकर नौ महीने तक कर दी है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को लिखे एक पत्र में भारत के दवा महानियंत्रक वी जी सोमानी ने कहा कि एसआईआई को ऐसी शीशी जिनमें अभी लेबिल नहीं लगाए गए हैं, उनमें इस्तेमाल की अवधि नौ महीने डालने की मंजूरी दी जाती है.
कोविशील्ड के इस्तेमाल की अवधि में विस्तार को मंजूरी
इस्तेमाल की अवधि को बढ़ाने का फैसला पुणे की दवा निर्माता कंपनी सीरम की तरफ से पेश किए गए डेटा की स्थिरता की बुनियाद पर किया गया था. एक अधिकारी ने कहा, "कंपनी ने साबित किया कि वैक्सीन स्थिरता पर किए गए रिसर्च से अवधि के लिए स्थिर है. ये कंपनियों द्वारा अपनाया गया सामान्य अभ्यास होता है. इस्तेमाल की अवधि को आगे बढ़ाया जा सकता है, अगर स्थिरता का डेटा उसका समर्थन करे." डीसीजीआई ने कहा कि उन्हें ‘कोविशील्ड वैक्सीन (10 खुराक- पांच मिलीलीटर) के इस्तेमाल की अवधि छह महीने से बढ़ाकर नौ महीने करने में कोई आपत्ति नहीं है.
डीसीजीआई ने छह महीने से बढ़ाकर नौ महीने किया
सोमानी ने पत्र में कहा, ‘‘आपको ऐसी शीशी जिनमें अभी लेबिल नहीं लगाए गए हैं, उनमें इस्तेमाल की अवधि नौ महीने डालने की मंजूरी दी जाती है." इसके अलावा, उसने ये भी हिदायत दी है कि भंडार की जानकारी कार्यालय और सेंट्रल ड्रग्स लैबोरेटरी, कसौली को भेजनी होगी. डीसीजीआई की पहल से हैदराबाद की दवा निर्माता कंपनी भारत बायोटेक की भी उम्मीद बढ़ गई है. कंपनी अपनी कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सीन के लिए आगे बढ़ सकती है.
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