Covid-19 vaccine: भारत की पहली वैक्सीन उम्मीदवार पर तीसरे चरण का मानव परीक्षण शुरू करने की अनुमति मिल गई है. भारत बॉयोटेक इंडिया लिमिटेड (BBIL) ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ मिलकर कोवैक्सीन वैक्सीन विकसित किया है.


भारत की देसी कोविड-19 वैक्सीन पर मिली परीक्षण की अनुमति


करीब तीन महीने पहले जुलाई में, भारत बॉयोटेक को पहले और दूसरे चरण का मानव परीक्षण करने की इजाजत दी गई थी. तब से, भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़कर 77 लाख के पार हो चुके हैं. इस तरह दुनिया में भारत दूसरे नंबर पर कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित होनेवाला देश बन गया है.


परीक्षण शुरू करने की मंजूरी के साथ, तीसरे चरण का मानव परीक्षण अगले महीने शुरू होने की उम्मीद है. मंगलवार को भारतीय दवा नियंत्रण प्राधिकरण की कमेटी ने वैक्सीन पर वचार-विमर्श किया और मानव परीक्षण की प्रक्रिया में मामूली बदलाव की सलाह देते हुए मंजूरी दी.


कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के लिए कोवैक्सीन भारत की पहली देसी वैक्सीन उम्मीदवार है. हैदराबाद की कंपनी की विकसित कोवैक्सीन निष्क्रिय वैक्सीन की श्रेणी में आती है. इसका मतलब है कि वायरस को निष्क्रिय कर दिया गया और किसी शख्स को संक्रमित करने की क्षमता नहीं होगी.


अगले महीने 19 जगहों पर होगा अंतिम चरण का मानव परीक्षण


फार्मा कंपनी के मुताबिक, कोरोना वायरस के अंश को नेशलन इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे में अलग कर भारत बायोटेक को स्थानांतरित किया गया था. देसी, निष्क्रिय वैक्सीन का विकास और निर्माण भारत बायोटेक के हैदराबाद स्थित केंद्र में किया गया था. जानवरों पर शुरुआती चरण के परीक्षण कर, फार्मा कंपनी ने दवा नियंत्रण प्राधिकरण से इंसानों पर परीक्षण का अगला चरण शुरू करने के लिए मंजूरी देने की मांग की थी.


जुलाई में, कंपनी ने अपने पहले और दूसरे चरण का मानव परीक्षण किया था. परीक्षण से जुड़े एक डॉक्टर वेंकट राव ने डोज दिए जाने के बाद वॉलेंटियर में एंटी बॉडीज निर्माण में बढ़ोतरी दर्ज होने की बात कही. लैब सैंपल से भी वॉलेंटियर में वैक्सीन लगाए जाने के बाद किसी तरह का साइड-इफेक्ट्स उजागर नहीं हुआ. वैक्सीन का संभावित साइड-इफेक्ट्स न होते देख, दवा निंयत्रण प्राधिकरण ने फार्मा कंपनी को इसलिए अंतिम चरण का मानव परीक्षण की अनुमति दे दी.


बताया जाता है कि भारत में होने जा रहे अंतिम चरण के मानव परीक्षण में 28 हजार 500 लोग शामिल होंगे. खबरों के मुताबिक, वॉलेंटियर को 28 दिनों के अंतराल पर प्रयोगात्मक वैक्सीन का दो डोज दिया जाएगा. कोवैक्सीन का परीक्षण दिल्ली, मुंबई, पटना, लखनऊ समेत 19 जगहों पर होगा.


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