Covid-19 Vaccine: वैक्सीन के दूसरे डोज के साइड-इफेक्ट्स ज्यादा गहरे हो सकते हैं- CDC
कोविड-19 वैक्सीन पर लोगों में साइड-इफेट्स को लेकर झिझक है. कोविड टीकाकरण का दूसरा चरण शुरू हो गया है और कई लोगों को दूसरा डोज लग चुका है. कोविड वैक्सीन के दूसरे डोज से साइड-इफेक्ट्स को लेकर बड़ी बात सीडीसी ने कही है.
कोविड-19 टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण चल रहा है. बहुत सारे लोगों को दूसरा डोज लग चुका है. इस बीच, सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन ने बताया है कि कोविड-19 वैक्सीन के दूसरे डोज के साइड-इफेक्ट्स वैक्सीन के पहले डोज की तुलना में ज्यादा तीव्र हो सकते हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक प्रभावी साबित करने के लिए कोविड-19 वैक्सीन के दो डोज की जरूरत है. इसकी वजह बताते हुए उनका कहना है कि कोविड वैक्सीन का पहला डोज एंटी बॉडीज पैदा करता है और सुरक्षा का निर्माण शुरू करता है, जबकि दूसरा डोज पहले डोज के बाद पैदा हुए सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में काम करता है.
कोविड वैक्सीन के दूसरे डोज के बाद साइड-इफेक्ट्स ज्यादा तीव्र-CDC
माना जाता है कि वैक्सीन का दूसरा डोज काफी हद तक इम्यूनिटी को मजबूत करता है और इम्यूनिटी के लिए असर की दर को बढ़ाता है. करीब सभी कोविड-19 वैक्सीन से साइड-इफेक्ट्स हो सकते हैं. हालांकि लक्षणों की तीव्रता एक शख्स से दूसरे शख्स में अलग होने की संभावना है. सबसे ज्यादा होनेवाले आम साइड-इफेक्ट्स में बुखार, बदन दर्द और मतली है. लेकिन ये साइड-इफेक्ट्स एक से दो दिन में खत्म हो सकते हैं. डॉक्टरों का मानना है कि ये साइड-इफेक्ट्स हानिकारक नहीं हैं और नियंत्रित किए जाने योग्य हैं.
सीडीसी के मुताबिक, कुछ आम साइड-इफेक्ट्स जैसे बाजू पर लाली, सूजन और दर्द का आपको अनुभव हो सकता है. उसके साथ मतली, बुखार, ठंड, सिर दर्द, मांसपेशी में दर्द जैसे साइड-इफेट्स शामिल हैं. हालांकि, सीडीसी का दावा है कि दूसरा डोज लगने के बाद लोगों को अनुभव होनेवाला साइड-इफेट्स पहले डोज के मुकाबले ज्यादा तीव्र था. उसके मुताबिक, "ये साइड-इफेट्स सामान्य संकेत हैं कि आपका शरीर सुरक्षा बना रहा है और कुछ दिनों में खत्म हो जाना चाहिए." ये समझते हुए कि प्रतिकूल प्रतिक्रियाएं असहनीय हैं और आपकी असुविधा और दर्द समय के साथ बढ़ रहा है, सीडीसी की सलाह है कि आपको मेडिकल मदद तलब करनी चाहिए.
आपको कोविड वैक्सीन का दूसरा डोज कब लगवाना चाहिए?
कोविड-19 वैक्सीन के डोज में अंतराल लगनेवाली वैक्सीन की बुनियाद पर अलग हो सकता है. भारत में, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन सबसे प्रभावी समझी जाती है अगर वैक्सीन का दूसरा डोज 6-8 सप्ताह के बीच लगवाया जाए, लेकिन 8 सप्ताह के निर्धारित अवधि से बाद में नहीं. अन्य परीक्षण से पता चला है कि खुराक के अंतराल में 12 सप्ताह की वृद्धि से वैक्सीन का असर बढ़ जाता है. भारत बायोटेक की कोविड वैक्सीन कोवैक्सीन भी 28 दिनों पर दो डोज में इस्तेमाल की जाती है.
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