कोविड-19 वैक्सीन के लिए कई कंपनियों समेत मॉडर्ना और फाइजर भी हजारों वॉलेंटियर पर तीसरे चरण का परीक्षण कर रही हैं. इस बीच खुलासा हुआ है कि कम समय के लिए साइड इफेक्ट्स ज्यादा देखा गया. हालांकि अधिकतर मामलों में वैक्सीन का साइड इफेक्ट्स एक दिन बाद या एक दिन में कम हो गया.


कोविड वैक्सीन के वॉलेंटियर ने साझा किए अनुभव


एंटी बॉडीज न होने की सूरत में थोड़ी असुविधा होना स्वाभाविक है. कभी-कभी महीनों रहनेवाली खतरनाक बीमारी से ग्रसित होने की भी आशंका रहती है. CNBC से तीसरे चरण का हिस्सा बननेवाले पांच वॉलेंटियर ने बात की. उनसे पूछा गया कि ठंड और बुखार समेत कोविड-19 जैसे लक्षण परीक्षण के दौरान क्या संभव हैं. खासकर उस सूरत में जब वैक्सीन लगा दी गई हो. रिपोर्ट के मुताबिक, 44 वर्षीय एक वॉलेंटियर ने रात भर ठंड लगने की बात कही. जबकि दूसरे अन्य वॉलेंटियर ने तेज सिर दर्द, माइग्रेन  और थकान का अनुभव किया.


ज्यादातर प्रतिभागियों ने अपने अनुभव निजी फेसबुक ग्रुप पर साझा किया. CNBC की रिपोर्ट में बताया गया कि वैक्सीन का दूसरा डोज लेने के बाद एक दिन आराम करने पर आम सहमति बनी. मॉडर्ना की वैक्सीन के तीसरे चरण के मानव परीक्षण में शामिल होनेवाले वॉलेंटियर ने बताया कि उसे 18 अगस्त को पहला डोज दिया गया. डोज लेने के बाद उसे हल्का बुखार कई दिनों तक रहा.  15 सितंबर को एक क्लीनिक में वैक्सीन का दूसरा डोज लगाया गया.


कम समय के लिए साइड इफेक्ट्स का खुलासा 


दूसरे डोज के आठ घंटे बाद उसके शरीर का तापमान 101 डिग्री सेल्सियस हो गया. इस दौरान उसे कंपन, ठंड, तेज सिरदर्द और सांस में परेशानी महसूस हुई. उसने अपने वैक्सीन लेनेवाले बाजू में भयंकर दर्द उठने की भी शिकायत की. बांह में दर्द के चलते उस रात उसे बहुत मुश्किल से नींद आई.  न्यूयॉर्क के वायरस वैज्ञानिक फ्लोरियन क्रमार ने ट्वीट किया, मॉडर्ना की वैक्सीन उम्मीदवार से "स्व रिपोर्ट किए गए साइड इफेक्ट्स 'अप्रिय मगर खतरनाक नहीं' थे."





इंटरव्यू में शामिल मॉडर्ना और फाइजर के तीसरे चरण के पांचों प्रतिभागियों ने कहा कि हालांकि साइड इफेक्ट्स के लक्षण असुविधाजनक थे और किसी वक्त बढ़ भी गए थे मगर एक दिन बाद या एक दिन में कमी आ गई. रिपोर्ट सामने आने के बाद विशेषज्ञों का कहना है कि उन्हें साइड इफेक्ट्स के कारण वैक्सीन बिल्कुल नहीं लेनेवालों को समझाना होगा. खासकर अमेरिकी लोगों को जागरुक करने की ज्यादा जरूरत है क्योंकि उन्हें वैक्सीन पर विश्नास नहीं है. अब ये देखा जाना बाकी रह गया है कि क्या सुरक्षित और प्रभावी होने पर ज्यादातर लोग वैक्सीन इस्तेमाल की इच्छा जताते हैं.


Covid-19 ने नींद पर भी डाला बुरा असर, शोध में बीमारी और सपनों के बीच संबंध का हुआ खुलासा


Covid-19 के बीच सर्दी की दस्तक के साथ मंडरा रहा वायरस के बढ़ने का खतरा, कैसे करें बचाव की तैयारी?