Covid-19: विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों ने चेताया है कि कोरोना वायरस से पीड़ित लोग दूसरी बार भी कोविड-19 का शिकार हो सकते हैं. हालांकि, उन्होंने ये भी माना कि कोरोना वायरस से दोबारा पीड़ित होना अपवाद है. लेकिन एक बार संक्रमित होने के बाद एंटी बॉडी रिस्पॉन्स में कमी की वजह से दूसरी बार संक्रमित होने की आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता.
WHO ने दोबारा कोविड-19 संक्रमण को नहीं किया खारिज
उन्होंने शोध के वर्तमान डेटा को बुनियाद बताते हुए हवाला दिया. WHO के इंमरजेंसी प्रोग्राम प्रमुख माइक रेयॉन ने कहा, "हमने लोगों के संक्रमित होने को बढ़ते हुए देखा है. लेकिन हमने ऐसे डेटा को भी देखा है जिससे संकेत मिलता है कि एक बार बीमार होने के बाद कोविड-19 के खिलाफ जिंदगी भर सुरक्षा नहीं मिलती."
शुक्रवार को जिनेवा के मुख्यालय में प्रेस ब्रीफिंग के दौरान उन्होंने कहा, "ऐसे में सवाल ये है कि समाज को मिलनेवाली सुरक्षा का लेवल क्या है?" अमेरिका के सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, दोबारा संक्रमण का मतलब है कि कोई शख्स कोरोना वायरस से संक्रमित होकर ठीक हो गया और बाद में फिर संक्रमित हो गया.
WHO ने बताया कि सीडीसी का अन्य दूसरे वायरस के साथ अनुभव की बुनियाद पर कोविड-19 से दोबारा संक्रमित होने की आशंका रहती है. हालांकि, शोधकर्ता इस बात का पता लगाने में जुटे हैं कि कितनी जल्दी और कितनी बार दोबारा संक्रमण हो सकता है. शोधकर्ता अन्य पहलू समेत इस बात पर भी विचार कर रहे हैं कि दोबारा संक्रमण का मामला कितना गंभीर हो सकता है और पहली बार संक्रमित होने के बाद कितनी जल्दी बीमारी हो सकती है.
WHO की इमरजिंग डिजीज एंड जूनोसिस यूनिट की प्रमुख मारिया वान करकोफ ने इस हवाले से बताया कि शोधकर्ताओं की तरफ से अभी तय करने की कोशिश की जा रही है कि एंटी बॉडी की प्रतिक्रया पहली बार वायरस से संक्रमित होने के बाद कब तक बरकरार रहता है. उन्होंने कहा, "हम अब तक जो समझ सके हैं कोरोना वायरस से संक्रमित 90-100 फीसद लोगों में एंटी बॉडी की प्रतिक्रिया विकसित होती है. चाहे बीमारी का लक्षण मामूली हो, लक्षण जाहिर ना हों या संक्रमण के गंभीर लक्षण हों."
रिसर्च में एंटी बॉडी प्रतिक्रिया के छह महीने तक रहने की बात
उन्होंने रिपोर्ट के हवाले से बताया कि वर्तमान रिसर्च से संकेत मिलता है कि कोविड-19 के खिलाफ इम्यून सुरक्षा छह महीने या उससे ज्यादा तक बहाल रह सकता है. हाल ही में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोध में पाया गया कि कोरोना वायरस से संक्रमित होनेवाले लोगों में कम से कम छह महीने तक दोबारा कोविड-19 की बीमारी से पीड़ित होने की आशंका न के बराबर है.
अप्रैल और नवंबर के बीच किए गए रिसर्च में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी अस्पताल के 12 हजार से ज्यादा हेल्थ केयर वर्कर्स को शामिल किया गया था. नतीजे से पता चला कि 11 हजार लोगों में से 89 हेल्थ केयर वर्कर्स में एंटी बॉडी मौजूद नहीं थी और उन्हें लक्षण के साथ नया संक्रमण हुआ. इसके विपरीत, एंटी बॉडीज वाले 1246 लोगों में लक्षण के साथ बीमारी हुई.
मारिया ने कहा, "कुछ लोगों में संभावित तौर पर एंटी बॉडीज चंद महीनों के बाद खत्म होने लगती है. मगर अच्छा संकेत मिलता है कि बीमार होनेवाले लोगों में वायरस के खिलाफ एंटी बॉडी चंद महीने तक बरकरार रह सकती है." उन्होंने बताया कि महामारी को अभी एक साल ही हुआ है तो बहुत कुछ जानना बाकी है.
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