कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को बुरी तरह प्रभावित किया है. उसका असर सेहत से लेकर अर्थव्यवस्था तक पर देखा गया है. अब एक ताजा रिसर्च में जिंदगी जीने की संभावना में सबसे बड़ी गिरावट की वजह बनी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से पश्चिमी यूरोप में जीवन की संभावना में सबसे बड़ी कमी देखी गई है. वैज्ञानिकों ने 29 देशों के मृत्यु दर पर डेटा का विश्लेषण किया. डेटा का ज्यादातर हिस्सा डेटा यूरोप, अमेरिका, चिली से था. उसमें पिछले साल जीवन की संभावना में कमी दर्ज की गई और एक पैमाने पर वर्षों की प्रगति को मिटा दिया.
कोरोना महामारी ने जीवन की संभावना पर डाला असर
इन देशों में 2020 के लिए मौत का आधिकारिक आंकड़ा प्रकाशित किया गया था. डेटा से खुलासा हुआ कि जिंदगी की संभावना में सबड़े बड़ी गिरावट अमेरिकी पुरुषों के बीच थी, 2019 की तुलना में 2.2 वर्षों की कमी दर्ज की गई. International Journal of Epidemiology में प्रकाशित रिसर्च से पता चला कि 29 देशों में से 27 में पिछले साल जीवन की संभावना में कमी पाई गई. 15 देशों की महिलाएं और 10 देशों के पुरुषों की जन्म के समय 2015 के मुकाबले 2020 में जीवन संभावना कम मिली. 2015 के साल में जीने की संभावना पहले ही नकारात्मक तौर पर फ्लू के मौसम से प्रभावित हुई थी.
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अब तक सबसे बड़ी गिरावट दर्ज
इस बीच, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने अनुमान लगाया कि ब्रिटेन में पुरुषों के जीने की संभावना 40 वर्षों में पहली बार गिरी है. शोधकर्ताओं का कहना है कि स्पेन, इंग्लैंड और वेल्स, इटली, बेल्जिम जैसे पश्चिमी यूरोपीय देशों के लिए जन्म के समय जिंदगी जीने की संभावना पर एक वर्ष में गिरावट के बड़े परिमाण द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान देखे गए थे. रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं के मुकाबले पुरुषों ने बड़ी जीवन प्रत्याशा में गिरावट का अनुभव किया. विभिन्न देशों में ये गिरावट कोविड-19 की वजह से हुई मौतों के कारण थी.
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