पुणे: कोविड-19 मरीजों के बीच काढ़ा, एंटीबॉयोटिक्स और विटामिन की गोलियों का हद से ज्यादा इस्तेमाल कब्ज प्रेरित एनल फिशर के मामलों में बढ़ोतरी की वजह बना है. प्रोक्टोलॉजिस्ट डॉक्टर अश्विन पोरवाल ने कहा, "10 अप्रैल और 20 मई के बीच हमने 481 मरीजों में एनल फिशर का पता लगाया. ये मरीज या तो कोविड-19 के अत्यधिक संदिग्ध थे या उनमें कोविड-19 की पुष्टि हुई थी. उसी दौरान, 223 गैर कोविड-19 लोगों में एनल फिशर की पहचान हुई. इससे लोगों के बीच एनल फिशर की अधिक मौजूदगी का संकेत मिलता है."


काढ़ा, विटामिन के अधिक सेवन का साइड-इफेक्ट्स  


उन्होंने बताया, "जब हमने जांच की, तो सभी 481 लोगों ने 'काढ़ा' विटामिन की गोलियां और एंटीबॉयोटिक्स के व्यापक उपयोग में शामिल होना स्वीकार किया. उन्होंने निर्धारित दवा के अलावा, कोविड का इलाज करने या दूर करने के लिए इस्तेमाल की जानकारी दी." काढ़ा का व्यापक और अधिक इस्तेमाल साइड-इफेट्स जैसे हाइपर एसिडिटी, पेट और आंत में तेज दर्ज और जलन की वजह बन सकता है. उसकी गर्म शक्ति होने और पेट और आंत की झिल्ली के सुखाने और भेदने के कारण उससे कब्ज या डायरिया भी हो सकता है. डॉक्टर ने बताया कि कब्ज, डायरिया और गैस फिशर हो सकता है. इसकी पुष्टि अन्य डॉक्टरों ने भी की है.


कब्ज से एनल फिशर के मामलों में बढ़ोतरी की वजह


एक हजार कोविड-19 रोगियों का इलाज करनेवाले फिजिशियन डॉक्टर अक्षय सोनोने ने बताया, "एनल फिशर वाले रोगियो की बड़ी संख्या हम देख रहे हैं, उनमें मुख्य रूप से ऐसे लोग हैं जिन्होंने हाल ही में मध्यम से गंभीर कोविड-19 का इलाज कराया था." सर्जन डॉक्टर परेश गांधी ने अपना अनुभव साझा किया, "मैं प्रतिदिन औसतन फिशर वाले 5-6 रोगियों का इलाज कर रहा हूं, इन मरीजों को 3-4 सप्ताह से कोविड-19 का इतिहास है."


पोरवाल ने कहा, "अधिक विटामिन डी से कब्ज हो सकता है. कठोर मल के गुजरना से ये फिशर की वजह बन सकता है. उसी तरह, विटामिन या जिंक के अधिक इस्तेमाल की वजह से डायरिया हो सकता है." गौरतलब है कि गुदा या गुदा की नलिका में कट या दरार बनने को एनल फिशर कहा जाता है. एनल फिशर अक्सर मल त्याग के दौरान कठोर और बड़े आकार का मल त्यागे पर होता. “अगर आप सख्त मल या शौच करते हुए दर्द महसूस करते हैं या आपको खून निकलते हुए दिखाई देता है, तो ये फिशर के लक्षण हो सकते हैं. 


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