Dariba Kalan Market : दिल्ली के एक प्रसिद्ध बाजा दरीबा कलां को अपनी खूबसूरत बोहो ज्वेलरी के लिए जाना जाता है. यह बाजार ऐतिहासिक रूप से मुगल साम्राज्य के शासनकाल में बना था, जब मुगल बादशाहों की बेटियां और महिलाएं यहां से ज्वेलरी खरीदा करती थीं. आज भी यह बाजार अपनी पारंपरिक कलाकृतियों और बोहो डिजाइन के ज्वेलरी के लिए प्रसिद्ध है, जिसकी खरीददारी के लिए लोग देश-विदेश से आते हैं. दरीबा कलां अपने विरासत और सौंदर्य के लिए एक अनूठा बाजार है.
बोहो ज्वेलरी का एक से बढ़कर एक कलेक्शन
इस बाजार की खासियत है कि यहां आपको हर तरह की बोहो ज्वेलरी खरीदने को मिल जाएंगे. यहां आपको नए डिजाइन और पैर्टन की ज्वेलरी देखने को मिल जाएगी. जिसमें आपको गले के चोकर, रानी हार, चूड़ियां, कड़े, कानों की झुमकिया, नोजपिन, भारी से भारी इयररिंग्स की काफी वैरायटी देखने को मिल जाएगी.
पुराने एंटीक ज्वेलरी भी यहां मिलेंगे
यहां आपको हर तरह की ज्वेलरी मिल जाएगी चाहे वो पारंपरिक सिल्वर ज्वेलरी हो, पुराने जमाने की एंटीक ज्वेलरी हो या फिर नए डिजाइनर वेयर हो. इस बाज़ार में चांदी, सोना और अन्य धातुओं से बने फैशनेबल और ट्रेडिशनल ज्वेलरी का भरपूर कलेक्शन मिलता है. यहां अपको वेराइटी देखने को मिलेगी.आजकल की लड़कियां और महिलाएं हल्की ज्वेलरी पसंद करती हैं, जिसे पहनना आसान हो यहां सभी वेराइटी मिल जाएगी. यहां पर ओनीक्स, गिलास, टम्बल, पल्र्स एंड जयपुरी की वैरायटी भी मिलती है.
यहां किलो के भाव से मिलती है यह ज्वेलरी
यहां पर आपको 100 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक की ज्वेलरी मिल जाती है. . इस मार्केट में मोती की टोप्स 200 से 250 रुपये तक के मिल जाएंगे. वहीं फिरोजा टॉप्स 500 रुपये के होते हैं. चांदी के झुमके 1000 रुपये से शुरू होते हैं, अगर झुमके में मोती लगे हुए हों, तो उनका दाम ज्यादा होगा. यहां चांदी की ज्वेलरी किलो के भाव में मिलते हैं.
जानें इस गली का इतिहास
माना जाता है कि कई बार यहां की दुकाने लुटी गई. इसके बाद भी मार्केट दुबारा बसी गया. भारत-पाकिस्तान बंटवारे के दौरान भी आपसी रंजिश की वजह से लूटपाट हुई थी. मगर वर्तमान समय एक बार फिर यह मार्केट अपने इतिहास को समटे हुए खड़ा है.